हिसार: पशुओं की दृष्टि वापस लौटाना पशु चिकित्सका विज्ञान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि : डॉ. जिंदल
लुवास में पशुओं के आंखों की सर्जरी का प्रशिक्षण शुरू
हिसार, 5 अगस्त (हि.स.)। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास ) के पशु चिकित्सा महाविद्यालय के सर्जरी एवं रेडियोलॉजी विभाग में पशुओं के आंखों की सर्जरी में प्रशिक्षण के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत हुई।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सोमवार को लुवास के अनुसंधान निदेशक डॉ. नरेश जिंदल ने आंखों की महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि इंसानों की तरह पशुओं में भी आंखें महत्वपूर्ण है और अगर हम पशुओं की दृष्टि वापस लौटा सके तो यह पशु चिकित्सका विज्ञान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने प्रशिक्षार्थियों को उनकी सीखने की इच्छा के लिए बधाई देते हुए कामना कि जब आप इन तकनीकों में माहिर हो जाएंगे तो कम से कम दस और अन्य पशु चिकित्सकों को प्रशिक्षित करें तथा ये सीखने और सीखाने की कड़ी लगातार चलती रहे। हमारा प्रयास रहे कि कोई भी पशु चिकित्सकीय अभाव के कारण दृष्टिहीन न रहें।
ज्ञात रहे कि अभी हाल ही में लुवास के चौदहवें स्थापना दिवस पर कुलपति प्रो. डॉ. विनोद कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में सर्जरी विभाग में पशुओं के आंखों के उपचार के लिए नेत्र चिकित्सा इकाई की स्थापना की गई थी। इस इकाई से अब तक 200 से ज्यादा पशु लाभान्वित हो चुके है।
पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. गुलशन नारंग ने प्रतिभागियों से पूरी लगन से अधिक से अधिक सीखने की अपेक्षा की एवं उनके सफल भविष्य की कामना की। विभागाध्यक्ष डॉ. आरएन चौधरी ने बताया कि यह प्रशिक्षण पांच दिन चलेगा जिसमें प्रतिभागियों को आंखों की पुतलियां, लेंस आदि में होने वाले विभिन्न सर्जिकल प्रक्रियाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए विभाग में सभी तरह के आधुनिक उपकरण मौजूद हैं। कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षण की समन्वयक डॉ. प्रियंका ने किया। इस प्रशिक्षण में दस प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं जो कि केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली और हरियाणा से हैं। इस दौरान प्रतिभागियों ने बताया कि यह प्रशिक्षण लुवास के अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा बेहतरीन तरीके से कराया जा रहा है।कार्यक्रम के दौरान लुवास के स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ. मनोज रोज, मानव संसाधन निदेशक डॉ. राजेश खुराना एवं अधिष्ठाता डेयरी विज्ञान एवं तकनीकी महाविद्यालय डॉ. सज्जन सिहाग भी उपस्थित रहें।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर / SANJEEV SHARMA