रोहतक: फीस बढ़ोतरी के विरोध में छात्रों ने एमडीयू रजिस्ट्रार कार्यालय का किया घेराव
छात्र बोले, पांच गुना फीस बढ़ाकर गरीब किसान मजदूर के बच्चो को शिक्षा से वंचित रखने का षडयंत्र
रोहतक, 31 मई (हि.स.)। एमडीयू द्वारा पाठ्यक्रमों की फीस बढोतरी के खिलाफ छात्रों ने रजिस्ट्रार कार्यालय का घेराव किया और बढ़ी हुई फीस वापसी की मांग को लेकर शुक्रवार को ज्ञापन सौंपा। साथ ही चेताया कि अगर एमडीयू प्रशासन ने इस छात्र विरोधी फैसले को वापिस नहीं लिया तो छात्र आंदोलन करने पर मजबूर होगे।
छात्र नेता दीपक मलिक ने बताया कि एमडीयू ने स्नातक कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर प्रॉस्पेक्टस जारी कर दिया है। इसमें नई शिक्षा नीति के तहत नए कोर्स शुरू किए गए हैं और कोर्सों की फीस भी पांच गुना बढ़ा दी गई है, जिसको लेकर छात्रों में काफी रोष है। उन्होंने बताया कि यह फीस वृद्धि के नाम पर विद्यार्थियों से खुली लूट है। यह एक तरह से यूनिवर्सिटी के दरवाजे आम परिवारों के बच्चों के लिए बंद करने का फरमान है। दीपक मलिक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर स्नातक को तीन साल से बढ़ाकर चार साल कर दिया गया है। फीस वृद्धि और चार साल का ग्रेजुएशन कोर्स शिक्षा के निजीकरण और व्यापारीकरण को बढ़ावा देने के और कदम है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में चार वर्षीय स्नातक कोर्स का परीक्षण फेल हो चुका है। कुछ दिन पहले ही कर्नाटक सरकार ने चार वर्षीय स्नातक कोर्स को वापस लिया है। इसके बावजूद यहां सरकार व यूनिवर्सिटी प्रशासन इसे लागू करने पर अड़ा है। उन्होंने बताया कि इस फीस बढ़ोतरी का सीधा नुकसान गांव में बसने वाले उस गरीब किसान मजबूर परिवार को होगा जो देश को बिना मुनाफे पर के अन्न पैदा करके देता है। ये आम परिवार के बच्चो को शिक्षा से वंचित की साजिश है, जिसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। एमडीयू रजिस्ट्रार ने छात्रों को विश्वास दिलाया कि जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल/संजीव