सोनीपत पुलिस ने बड़ी साइबर धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया, तीन गिरफ्तार

 


सोनीपत, 25 जून (हि.स.)। सोनीपत साइबर पुलिस ने बड़े साइबर धोखाधड़ी मामले में मंगलवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर लगभग 7.25 लाख रुपये की ठगी का आरोप है। पुलिस आयुक्त बी. सतीश बालन और पूर्वी सोनीपत के पुलिस उपायुक्त गौरव राजपुरोहित आईपीएस के नेतृत्व में हुए इस ऑपरेशन में 70,000 रुपये और पांच मोबाइल फोन बरामद किए गए।

24 मई, 2024 को स्थानीय निवासी संलाप ने साइबर पुलिस को एक धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी कि 21 मई, 2024 को उन्हें एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। जिसमें दावा किया गया कि उनका डीएचएल पार्सल सीमा शुल्क विभाग ने रोक दिया है। इस पार्सल में एटीएम कार्ड और पासपोर्ट जैसे संवेदनशील सामान शामिल थे। कॉल करने वाले ने संलाप की पहचान से जुड़ा मामला बताते हुए कानूनी कार्रवाई की धमकी दी।

धोखेबाजों ने मुंबई पुलिस के अधिकारी बनकर धमकाया और एक नकली आईपीएस अधिकारी के पास कॉल ट्रांसफर कर दी। इस फर्जी अधिकारी ने संलाप पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए उनसे बैंक विवरण मांगे। घबराहट में संलाप ने 7,25,000 रुपये दो अलग-अलग लेनदेन के माध्यम से धोखेबाजों के खाते में ट्रांसफर कर दिए।

पुलिस उपायुक्त गौरव राजपुरोहित आईपीएस ने इस जांच की मंगलवार को जानकारी दी कि साइबर थाना प्रबंधक निरीक्षक बसंत कुमार की पुलिस टीम ने महाराष्ट्र राज्य के अलग-अलग जिलों से तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया। इन गिरफ्तारियों के दौरान 70,000 रुपये, पांच मोबाइल फोन, छह चेक बुक, तीन पास बुक और तीन एटीएम कार्ड बरामद किए गए। पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने भारत भर में साइबर धोखाधड़ी में संलिप्त होने की बात स्वीकार की, जिनके खिलाफ 150 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं।

धोखेबाजों ने डिजिटल अरेस्ट नामक एक तरीका अपनाया, जिसमें वे पुलिस अधिकारी बनकर पीड़ितों को डराते और उन्हें अपनी बात मानने के लिए मजबूर करते थे। उन्होंने ऐप्स का उपयोग कर पीड़ितों के साथ संपर्क बनाए रखा और फर्जी कानूनी मुद्दों को सुलझाने के लिए पैसे मांगे। पुलिस उपायुक्त गौरव राजपुरोहित आईपीएस ने जनता से सतर्क रहने की अपील की। यदि कोई व्यक्ति पुलिस या सीबीआई अधिकारी बनकर पैसे मांगता है, तो तुरंत परिवार के सदस्यों को सूचित करें और नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करें।

हिन्दुस्थान समाचार/ नरेंद्र/संजीव