जींद: मैं राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का बनना चाहता था हिस्सा: बृजेंद्र सिंह

 


जींद, 15 मार्च (हि.स.)। भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए बृजेंद्र सिंह ने शुक्रवार को खुलकर अपनी बात लोगों के सामने रखी। भाजपा छोडऩे के फैसले पर बोलते हुए बृजेंद्र सिंह ने कहा कि जो फैसला मैंने भाजपा छोडऩे का लिया था वो कोई एक वजह से लिया हो।

बृजेन्द्र सिंह ने कहा कि जब भाजपा ने मेरे को टिकट दी मैं हिसार लोकसभा से जीत कर आया तो थोड़े समय के बाद ही मेरे को लगने लगा था कि भाजपा के साथ मेरे विचार नहीं मिलेंगे। कुछ दिनों के बाद किसान आंदोलन, फौजी में अग्निवीर भर्ती, महिला पहलवानों के अलाव कई मुद्दे और भी थे जिन पर मैं सहमति नहीं रखता था। उन्होंने कहा कि 2014 से जो पांच साल मोदी सरकार के थे ये पांच साल थे वो पूरा एजेंडा था जो खुलना शुरू हो गया था। इससे मेरा मेल नहीं खाता था किसी तरह से भी। फैसला तो मैंने कई साल पहले ले लिया था लेकिन मैं नहीं चाहता था कि उप चुनाव हिसार लोकसभा का होने से लोगों पर किसी तरह का बोझ पड़े। जब राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी तो उस यात्रा के साथ जुडऩे की मन में आई थी।

जो थामै चाहो थे वो ही करकै उचाना आया हूं

बृजेंद्र सिंह ने कार्यकर्ताओं से कहा कि मेरी आवाज सुना जींद में जो रैली थी वहां पर कार्यकर्ताओं के मन की बात सुन ली थी। जो थामै चाहो थे वो ही करकै उचाना आया हूं। कार्यकर्ता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। 1972 से लेकर आज तक उनके परिवार का पूरा साथ उचाना के लोगों ने दिया है। उचाना के लोग उनके परिवार का हिस्सा है। जब 1977 में पूरे प्रदेश में कांग्रेस की पांच सीट आई थी तो उस समय उचाना हलके के लोगों ने कांग्रेस से उम्मीदवार रहे उनके पिता बीरेंद्र सिंह को जीतने का काम किया। यहां के लोगों राजनीति के हर संघर्ष में उनके साथ होते है।

यहां के लोगों की बदौलत ही आज राजनीति में अलग पहचान मिली है। चुनाव में फिर आप लोगों के बीच कोई बड़ा झूठ लेकर बाहरी लोग आएंगे। इस तरह के झूठ से लोगों को बचना है। अपने पराए की पहचान हमें करनी होगी। राजनीति ताकत उचाना की हमें किसी बाहरी को नहीं देनी है। यहां से चुनाव जीतने, रैली में भीड़ जुटाने के लिए ये लोग आते है। चुनाव के बाद इनको उचाना के लोगों से कोई सरोकार नहीं होता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव