रोहतकः धान की सरकारी खरीद न होने के कारण किसानों में सरकार के प्रति रोषः बजरंग गर्ग

 


व्यापारी नेता बोले, सरकार की तरफ लगभग 100 करोड रुपए से ज्यादा मिलरों के बाकी, सरकार तुरंत प्रभाव से मिलरों का करें भुगतान

भाजपा सरकार में व्यापारी व राइस मिलर लुटा रहा है और किसान पिट रहा

रोहतक, 1 अक्टूबर (हि.स.)। व्यापारियों की एक आवश्यक बैठक मंगलवार को हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कांन्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग की अध्यक्षता में हुई। व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने उपस्थित व्यापारी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान अपना धान बेचने के लिए मंडीयों में धक्के खा रहा है लगभग सैकड़ों मैट्रिक टन से ज्यादा धान मंडियों में पड़ा है। धान की सरकारी खरीद ना होने के कारण किसानों में सरकार के प्रति बड़ा भारी रोष है। जबकि पिछले चार सीजन का लगभग सौ करोड़ रुपए से ज्यादा राइस मिलरों का सरकार की तरफ जो बकाया है। सरकार जो राइस मिलरों को धान देती है और सौ किलो धान के बदले सरकार ने 67.5 किलो चावल लेने का नियम बनाया हुआ है जो सरासर गलत है जबकि सौ किलो धान में साठ किलो चावल ही निकलता है। सरकार को मिलरों से साठ किलो चावल लेने का नियम बनाना चाहिए।

बजरंग गर्ग ने कहा कि धान की पिनाई करके चावल निकालने की मिलिंग 30 सालों से सिर्फ सरकार राईस मिलरों को 10 रुपए प्रति क्विंटल दे रही है जबकि धान पिनाई का खर्च लगभग 120 रुपए प्रति क्विंटल आता है। आज कल लेबर खर्च अनाप-शनाप बढ़ चुके हैं। राईस मिलरों को लागत का बैंक ब्याज इनकम तक नहीं होती। सरकार को धान पिनाई का 120 रुपए प्रति क्विंटल राइस मिलरों को देना चाहिए।

गर्ग ने कहा कि भाजपा सरकार में खुलेआम भ्रष्टाचार का बोलबाला है। राईस मिलर जो चावल की गाड़ियां एफसीआई के लगता है। चावल पास करने के नाम पर 10 हजार रुपए रिश्वत के नाम पर खुलेआम एफसीआई के अधिकारी राईस मिलरों से ले रहे हैं अगर जो राइस मिलर पैसे नहीं देता है तो उसका चावल एफसीआई के अधिकारी जानबूझकर रिजेक्ट कर देते हैं। बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से हरियाणा चावल उद्योग बंद होने के कगार पर है।इस अवसर पर व्यापार मंडल प्रदेश महासचिव रमेश खुराना, रोहतक जिला प्रधान पंकज सचदेवा, प्रदेश सचिव नरेंद्र कादियान बेरी, महम प्रधान जोगिंदर गल्होत्रा,झज्जर प्रधान सुभाष गुर्जर, प्रदेश युवा सचिव भारत सोनी आदि प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखें।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल