हिसार : शोधकर्ताओं को उनकी रुचि के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की अनुमति देता शोध : नरसी राम बिश्नोई
गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय एवं शोध-चक्र सूचना
और पुस्तकालय नेटवर्क के बीच हुआ एमओयू
हिसार, 24 दिसंबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान
और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की डॉ. भीम राव अंबेडकर लाइब्रेरी ने शोधचक्र के लिए
सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क केंद्र, गांधीनगर-गुजरात के साथ एमओयू किया है। शोध-चक्र
सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क केंद्र सरकार की एक पहल है, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
के मार्गदर्शन में शैक्षणिक समुदाय को उनके शोध जीवन चक्र के दौरान मदद करने के लिए
है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बुधवार काे कहा कि शोध
किसी समस्या या प्रश्न की व्यवस्थित जांच है। शोध की प्रक्रिया में शोध समस्या या प्रश्न
के प्रकार के आधार पर उचित शोध पद्धति के अनुसार विभिन्न घटक शामिल होते हैं। यह सामाजिक
परिवर्तन लाने और मनुष्यों के जीवन को आसान बनाने की एक सतत प्रक्रिया है। शोध शोधकर्ताओं
को उनकी रुचि के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की अनुमति देता है। भारत में 950 से
अधिक विश्वविद्यालय हैं। इनमें से प्रत्येक विश्वविद्यालय विभिन्न विषयों में शिक्षण
और शोध में शामिल है।
कुलसचिव डॉ. विजय कुमार ने कहा कि यह मंच शोध
के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि ओपन एआई और चैटजीपीटी
के युग में, चीजें जेट गति से बदल रही हैं। इसलिए इन बदलावों से निपटने के लिए, हमें
अपनी शैक्षणिक गतिविधियों में नवीनतम तकनीक को लागू करना होगा।
पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि
शोध-चक्र शोधकर्ता, गाइड/पर्यवेक्षक और विश्वविद्यालय को एक शोध विद्वान के शोध जीवन
चक्र को प्रबंधित करने के लिए एक अद्वितीय स्थान प्रदान करता है। इसके
अलावा, शोधकर्ता सिस्टम में लॉग इन कर सकते हैं और शोध-चक्र की सुविधाओं का लाभ उठा
सकते हैं। सिस्टम शोधकर्ताओं, पर्यवेक्षकों और विश्वविद्यालयों को लॉगिन क्रेडेंशियल
जेनरेट करेगा। कुलपति नरसी राम बिश्नोई को एमओयू की प्रति सौंप गई है। इस अवसर पर प्रो.
विनोद छोकर, डॉ. एसएस जोशी और सोम दत्त भी मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर