गुरुग्राम : सत्ता के गलियारों में अहीरवाल के नेता राव इंद्रजीत सिंह की नहीं होती अनदेखी

 

- भाजपा के टिकट पर गुडगांव से लगातार तीसरी बार जीतकर मंत्री बने हैं राव इंद्रजीत

- कांग्रेस में रहते हुए भी मंत्री रहे, अब भाजपा में भी तीसरी बार बने केंद्र में मंत्री

गुरुग्राम, 9 जून (हि.स.)। अहीरवाल की राजनीति से कद्दावर नेता राव इंद्रजीत सिंह का सत्ता के गलियारों में कोई राजनीतिक दल अनदेखी नहीं करता। चाहे वे कांग्रेस में रहे हों या अब भाजपा में हों, गुड़गांव लोकसभा से पार्टियों ने उनपर ही दांव खेला। उन्होंने पार्टियों के विश्वास को यहां से चुनाव जीतकर सदा मजबूत किया है। इसी मजबूती ने उन्हें तीसरी बार केंद्र में मंत्री के पद तक पहुंचाया है।

राव इंद्रजीत सिंह के राजनीतिक सफर की बात करें तो वे वर्ष 1977 में जाटूसाना से अपने पिता की विशाल हरियाणा पार्टी (वीएचपी) से हरियाणा विधानसभा का पहला चुनाव जीता और विधायक बने। उन्होंने जेएनपी के राय सिंह को 5299 मतों से हराया था। इसके बाद 1982 में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जाटूसाना से ही विधानसभा का दूसरा चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वे 11,082 वोटों से जीते। 1986 में उन्हें हरियाणा सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया। राव इंद्रजीत सिंह ने 1991 का विधानसभा चुनाव भी जीता। चौधरी बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी से उम्मीदवार जगदीश याव को उन्होंने 15,223 वोटों से हराया। इस दौरान उन्हें हरियाणा सरकार में पर्यावरण, वन एवं चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा मंत्री बनाया गया।

1998 से हुई लोकसभा चुनाव की शुरुआत

राव इंद्रजीत सिंह वर्ष 1998 में विधानसभा छोड़कर लोकसभा के क्षेत्र में आ गए। वे महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से 12वीं लोकसभा के चुनाव में सांसद चुने गए। उन्होंने भाजपा के राम सिंह को 68,139 मतों के अंतर से हराया। कारगिल युद्ध के दौरान भाजपा की लहर में 1999 में वे 13वां लोकसभा चुनाव वे भाजपा की प्रत्याशी सुधा यादव से हार गए। 2004 में महेंद्रगढ़ से ही उन्होंने 14वीं लोकसभा का चुनाव अपनी प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी सुधा यादव को 210,341 मतों के अंतर से हराकर जीता। इसी तरह से 2009 में महेंद्र लोकसभा से गुड़गांव लोकसभा सीट बनीं। उन्होंने गुड़गांव से 15वीं लोकसभा का चुनाव लड़ा और बसपा के जाकिर हुसैन को हराकर जीत हासिल की।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर/प्रभात