हिसार: गुरु जम्भेश्वर के सिद्धांतों पर चलकर ही किया जा सकता चुनौतियों का सामना: नरसी राम बिश्नोई
‘गुरु जम्भेश्वर जी के नैतिक, आध्यात्मिक एवं पर्यावरणीय चिंतन की वर्तमान युग में प्रासंगिकता’ विषय पर होंगे कार्यक्रम
हिसार, 21 अगस्त (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के गुरु जम्भेश्वर जी महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान के सौजन्य से 22 व 23 अगस्त को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हाेगा। ‘गुरु जम्भेश्वर जी के नैतिक, आध्यात्मिक एवं पर्यावरणीय चिंतन की वर्तमान युग में प्रासंगिकता’ विषय पर होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में मुख्यातिथि जियो गीता, गीता ज्ञान संस्थानम, कुरूक्षेत्र से गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज होंगे। विशिष्ट अतिथि लालासर साथरीधाम, बीकानेर से महंत स्वामी सचिदानंद जी आचार्य होंगे, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में कुलाधिपति हिमाचल केन्द्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला से पदमश्री प्रो. हरमोहिन्द्र सिंह बेदी उपस्थित रहेंगे। समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई करेंगे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं। गुरु जी के सिद्धांतों पर चलकर विश्व की वर्तमान चुनौतियों का सामना कर सकता है। यह सम्मेलन प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी होगा। संस्थान के अध्यक्ष प्रो. किशना राम बिश्नोई ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में 22 अगस्त की शाम पांच बजे सांस्कृतिक संध्या में एक संगीतमय नाटक ‘खेजड़ी की बेटी’ का मंचन होगा। इस नाटक के लेखक व निर्देशक अशोक राही हैं। इसके अतिरिक्त साखी व लोक संगीत का आयोजन भी किया जाएगा। पुणे के समाजसेवी सोहन लाल बिश्नोई सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि होंगे जबकि जयपुर के समाजसेवी अमर चंद दिलोइया विशिष्ट अतिथि होंगे। अगले दिन 23 अगस्त के समापन समारोह के मुख्य वक्ता नई दिल्ली से विख्यात लेखक एवं भक्ति साहित्य विशेषज्ञ डा. बिजेन्द्र कुमार सिंगल होंगे। सम्मेलन के संयोजक डा. जयदेव बिश्नोई हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर / SANJEEV SHARMA