फरीदाबाद: होमवर्क भी बना कारोबार, प्राथमिक क्लास के बच्चों को दिया जा रहा प्रोफेशनल होमवर्क
मंच ने चेयरमैन एनसीपीआरसी व सीबीएसई से की शिकायत
फरीदाबाद, 30 मई (हि.स.)। पहले छात्रों को अपने दादा दादी नाना नानी के साथ समय बिताने, पर्यटन पर जाकर मस्ती करने और मानसिक विराम के लिए मई जून की दो महीने की छुट्टी दी जाती थी। अब एक तो सिर्फ एक महीने जून की छुट्टी दी जाती है। दूसरा स्कूल वाले उनको भारी भरकम होमवर्क दे देते हैं, जिसको पूरा करने में ही छुट्टियों खत्म हो जाती हैं।
हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों पर आरोप लगाया है कि वे ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में नर्सरी,एलकेजी यूकेजी से लेकर प्राथमिक क्लास के बच्चों को भारी-भरकम होमवर्क के रूप में इलेक्ट्रिक सर्किट, एम्यूजमेंट पार्क का थ्रीडी मॉडल, दिल्ली मेट्रो और फ्लाईओवर का प्रोजेक्ट बनाने, थर्माकोल का एफि़ल टॉवर बनाने, कंप्यूटर का वर्किंग मॉडल, संस्कृति से गणित के फ़ार्मूलों की डिक्शनरी बनाने का प्रोजेक्ट दे रहे हैं। जिनकी कोई भी नॉलेज छात्रों को नहीं है। बच्चे होमवर्क पूरा करने के लिए मां-बाप का सहारा ले रहे हैं।
जिनके मां बाप पढ़े लिखे होते हैं वे तो होमवर्क पूरा करने में या कराने में मदद कर देते हैं लेकिन जिन बच्चों के मां-बाप ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं होते हैं वे पैसा देकर मजबूरी में प्रोफेशनल व्यक्तियों से होमवर्क पूरा कराते हैं। स्कूल प्रबंधक मिलीभगत के चलते प्रोफेशनल लोगों व दुकानदारों की कमाई करा रहे हैं। ऐसे प्रोजेक्ट बाद में स्कूल के शो केस की शोभा बढ़ाते हैं या स्टोर में फेंक दिए जाते हैं।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि स्कूल प्रबंधक होमवर्क देकर सीबीएसई व हरियाणा शिक्षा नियमावली के उस नियम का उल्लंघन कर रहे हैं। जिसमें कहा गया है कि प्री प्राथमिक कक्षा व प्राइमरी क्लास तक के बच्चों को होमवर्क देना ही नहीं चाहिए। होमवर्क से बच्चों के ग्रेड से कोई लेना-देना नहीं है। मंच ने प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों की इस मनमानी व गोरखधंधे की शिकायत मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, चेयरमैन सीबीएसई व चेयरमैन राष्ट्रीय बाल संरक्षण व अधिकार आयोग से की है और दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्यवाही की मांग की है।
हिन्दुस्थान समाचार/मनोज/संजीव