हिसार: श्री तिरुपति धाम में वैकुंठ एकादशी महोत्सव पर निकाली सवारी शोभा यात्रा

 


धुंध व कड़कती ठंड में आस्था जताते हुए वैकुंठ एकादशी महोत्सव में श्रद्धालुओं ने निकाली भगवान श्री वेंकटेश की सवारी

हिसार, 23 दिसंबर (हि.स.)। अपने इष्ट के प्रति आस्था जताते हुए और धुंध व कड़कती ठंड की परवाह किए बिना वैकुंठ एकादशी महोत्सव के लिए श्रद्धालु श्री तिरुपति बालाजी धाम में शनिवार सुबह 5 बजे से ही पहुंचना शुरू हो गए। श्रद्धालुओं ने आस्था की पराकाष्ठा कायम करते हुए नंगे पांव खड़े होकर भगवान वेंकटेश जी की पूजा व आराधना की। भक्तगण जय गोविंदा, भगवान श्री वेंकटेश्वर जी की जय एवं जय श्रीमन नारायण के जयघोष करते रहे।

पूरे विधि विधान व मंत्रोच्चारण के साथ सूर्योदय से पूर्व भगवान श्री वेंकटेश जी, माता श्री भूदेवी जी व माता श्री नीला देवी जी को पूरी निष्ठा के साथ पालकी में विराजमान किया गया। इसके बाद जयघोष करते हुए श्रद्धालुओं ने पालकी को अपने कंधे पर उठाया और श्री तिरुपति धाम में प्रतीकात्मक बनाए गए वैकुंठ द्वार में प्रवेश किया। इस आलौकिक वैकुंठ प्रवेश के दर्शन करके श्रद्धालु अभिभूत हो गए। प्रात: आयोजित किए गए वैकुंठ एकादशी महोत्सव में हिसार से नहीं अपितु आसपास के क्षेत्रों से काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने शिरकत की।

वैकुंठ एकादशी महोत्सव में हिस्सा लेने के उपरांत श्रद्धालुओं ने धाम में स्थापित श्री वेंकटेश भगवान जी, श्री पद्मावती माता जी, श्री गोदांबा माता जी, श्री गरुड़ जी, श्री लक्ष्मी नृसिंह जी, श्री सुदर्शन जी, श्री रामानुज स्वामी जी, श्री शठकोप स्वामी जी एवं श्री हनुमान जी के मंदिर में दर्शन किए। श्रद्धालुओं ने धाम में स्थापित 42 फुट ऊंचे सोने के श्री गरुड़ स्तंभ, बलिपीठम् व श्री तिरुपति यज्ञशाला का भी अवलोकन किया। धाम में स्थापित श्रीनिवास गोशाला में भी पहुंचकर काफी श्रद्धालुओं ने गोसेवा का कार्य किया।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव