कैथल: आरकेएसडी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर ने अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया शोध-पत्र
आवागमन के साधनों, जल रास्तों का बताया वाणिज्य, पर्यटन एवं सामरिक महत्व
भारत एवं अन्य 23 देशों के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 150 शोधकर्ताओं ने प्रस्तुत किए शोध-पत्र
कैथल,19 नवंबर (हि.स.)। आरकेएसडी काॅलेज कैथल में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार अत्रि ने तुर्कीए के एसआईआईआरटी विश्वविद्यालय सिरट में हुई अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में अपना शोध-पत्र ''ट्रैड रूट पालिटिक्स: द इंडियन व्यू'' प्रस्तुत किया। इस शोध पत्र में ग्रुप -20 सम्मेलन में भारत द्वारा प्रस्तावित ''इंडिया मिडल ईस्ट यूरोप कोरिडोर'' पर सहमति एवं इससे सम्बन्धित उभरी राजनीति को जानने की कोशिश हुई है।
ऑनलाईन प्रस्तुत शोध-पत्र में उन्होंने तकनीकी विकास के बावजूद परम्परागत आवागमन के साधनों, स्थल एवं जल रास्तों के वर्तमान अंतरराष्ट्रीय राजनीति में महत्व एवं प्रभावों का विश्लेषण किया। डॉ अत्रि ने समकालीन अंतरराष्ट्रीय राजनीति में इनके प्रभावों को स्पष्ट करते हुए कहा कि वाणिज्य, पर्यटन एवं सामरिक महत्व के अलावा सभ्यता के विकास में इनका महत्व आज भी बहुत ज्यादा है। डॉ अत्रि ने भारत एवं ग्रुप 20 के द्वारा प्रस्तावित आईएमईई कारीडोर को इसी दिशा में महत्वपूर्ण बताते हुए, इसे चीन की परियोजना ''बीआरआई'' से श्रेष्ठ एवं आवश्यक कदम करार दिया क्योंकि यह विभिन्न देशों के सहयोग पर आधारित है।
पारदर्शिता एवं लोकतांत्रिक स्वरूप के कारण यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय राजनीति में आसानी से सम्बंधित राज्यों की सहमति प्राप्त कर लेगी। ऑफलाइन एवं आनॅलाइन मोड में युरोप, मध्य एशिया, मिडल ईस्ट एशिया, भारत एवं अन्य 23 देशों के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 150 शोधकर्ताओं ने शोध-पत्र प्रस्तुत किए। इस पेपर को कार्यक्रम की प्रोसिडिंग में शामिल कर प्रकाशित भी किया जाएगा। पिछले महीने भी डॉ अत्रि ने तुर्कीए के इग्डिर विश्वविद्यालय में पेपर प्रस्तुत किया था। उनके अनुमोदन पर ही सिरट विश्वविद्यालय ने आमंत्रण पत्र भेजा था।
हिन्दुस्थान समाचार/ नरेश/संजीव