सोनीपत: पाषाण से भगवान बनाने की प्रक्रिया ही प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव: विशोक सागर

 


सोनीपत, 29 दिसंबर (हि.स.)। तीर्थ क्षेत्र पर विराजमान उपाध्याय विशोक सागर जी महाराज ने कहा कि पाषाण से भगवान बनाने की प्रक्रिया का नाम ही प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव है। यही पंचकल्याणक महोत्सव होता है। धार्मिक अनुष्ठान के माध्यम से सूर्य मंत्रों के द्वारा पाषाण की प्रतिमा को भगवान मानकर पूजा करने के लिए पूज्य बनाया जाता है। यह बात उन्होंने शुक्रवार को अनेकांत धाम धर्म प्रभावना संघ सेवा संस्थान श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, पुलिस कमिश्नर ऑफिस के समीप राजीव गांधी एजुकेशन सिटी असावरपुर, राई में पत्रकार वार्ता में कही।

उपाध्याय श्री ने कहा कि सभी कार्य सद्गुरु के निर्देशन में विद्वान प्रतिष्ठाचार्य संजय सरस द्वारा संपन्न कराए जाएंगे। यह क्षेत्र का परम सौभाग्य है की इस प्रक्रिया को पूर्ण करने हेतु आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज लगभग 30 साधुओं के संघ सहित एवम आचार्य प्रज्ञा सागर जी महाराज भी अपने संघ सहित पधार रहे हैं। हरियाणा प्रांत में संभवतः पहली बार इतने अधिक साधुओं के सानिध्य में पंचकल्याणक महोत्सव होने जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/ नरेंद्र/संजीव