हिसार: कर्मचारी व आम जनता के बुनियादी मुद्दों पर राजनीतिक दल मौन: धर्मवीर फौगाट
सर्व कर्मचारी संघ ने किया ब्लॉक स्तरीय कन्वेंशन का आयोजन
हिसार, 19 अप्रैल (हि.स.)। सर्व कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान धर्मवीर फोगाट ने कहा है कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने कर्मचारी हित में कोई नीति नहीं बनाई बल्कि कर्मचारियों के मुद्दों पर विचार तक नहीं किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार कोरोना काल में कर्मचारियों का 18 महीने का महंगाई भत्ता तक डकार गई, जो निंदनीय है। वे शुक्रवार को जाट धर्मशाला में सर्व कर्मचारी संघ की ओर से आयोजित ब्लॉक स्तरीय कन्वेंशन को संबोधित कर रहे थे। इसमें भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ व कर्मचारी मुद्दों पर चर्चा की गई।
कन्वेंशन की अध्यक्षता ब्लॉक प्रधान ओमप्रकाश माल ने की जबकि सचिव विनोद प्रभाकर ने संचालन किया। उन्होंने कहा कि आठवें वेतन आयोग का गठन करने से भी मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सरकारी विभागों को निजीकरण के नाम पर सिकोड़ा जा रहा है और निजीकरण की नीतियों के तहत सभी कार्य निजी हाथों में सौंपे जा रहे हैं।
राज्य प्रधान ने कहा कि भाजपा के संकल्प पत्र से कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, पुरानी पेंशन बहाली व नई भर्ती प्रक्रिया आदि मुद्दे गायब हैं। इसको लेकर कर्मचारियों में भारी रोष है। कर्मचारी मुद्दों पर प्रतिनिधियों द्वारा चुप रहना भी काफी खतरनाक है। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता चुनाव में सरेआम मंच से कर्मचारियों को धमका रहे हैं जो सीधा-सीधा तानाशाही और लोकतंत्र की मर्यादा का हनन भी है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी वोटर भी है। कर्मचारियों को भी अपने प्रदेश का हिस्सा मानते हुए उनके मुद्दों को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने अपने मुद्दों को लेकर सभी राजनीतिक दलों के विधायकों को ज्ञापन भी दिए, लेकिन किसी भी दल ने गंभीरता से नहीं लिया।
सरकार की नीतियों पर अध्यापक संघ के जिला प्रधान प्रमोद कुमार ने कहा कि सरकारी स्कूलों को मर्ज के नाम पर बंद किया जा रहा है जिससे गरीब खासकर लड़कियां शिक्षा से वंचित हो जाएंगी। प्राइवेट स्कूलों की लापरवाही लगातार बढ़ती जा रही है व अभिभावकों का जमकर शोषण हो रहा है। जिला प्रधान सुरेंद्र यादव ने कहा कि जिले के सभी ब्लॉकों में कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर कन्वेंशन की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव