उत्तर भारत में अब महंगा मिलेगा प्लाईवुड, निर्माताओं ने बढ़ाए दाम
कच्चे माल के दाम बढ़ने पर लिया फैसला
यमुनानगर, 5 जुलाई (हि.स.)। अगर आपको घर बनाते समय प्लाईवुड की जरूरत पड़ेगी तो पहले के मुकाबले यह अब बढ़े हुए दाम पर मिलेगा। यमुनानगर के प्लाईवुड निर्माताओं ने कच्चे माले के दाम बढ़ने के बाद प्लाईवुड के दाम में तीन रुपये प्रति फुट के हिसाब से बढ़ाेतरी कर दी है। यमुनानगर से समूचे उत्तर भारत में प्लाईवुड की सप्लाई होती है।
प्लाईवुड निर्माता एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र चावला ने कहा कि यदि कोई भी प्लाईवुड उद्योगपति बिना कागजात व अधूरे कागजात पर प्लाईवुड की गाडी निकालेगा तो उस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा और संबंधित विभागों की ओर से कार्यवाही भी की जाएगी। यह फैसला यमुनानगर प्लाईवुड शटरिंग प्लाईवुड एसोसिएशन व प्लाइवुड मैन्युफैक्वरर्स एसोसिएशन की बैठक में लिया गया। शुक्रवार को प्लाईवुड उद्योगपतियों की एक बैठक निजी होटल में हुई।
एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र चावला ने उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्लाईवुड उद्योग मंदी की मार झेल रहा है। ऐसे में उद्योगपतियों को अपनी फैक्ट्री चलानी मुश्किल हो रही है, कई फैक्ट्रियां बंद हो चुकी है और कई बंद होने की कगार पर है। उन्होंने कहा कि यूकेलिप्ट्स, फॉर्मेल्डिहाइड, फिनोल आदि की कीमतों में जबरदस्त वृद्धि हो गई है। उन्होंने कहा कि लकड़ी की भारी कमी है और पॉपुलर के दाम इतने अधिक है कि फैक्ट्री को चलाने में भारी मुश्किल हो रही है। उन्होंने कहा कि सभी कच्चे माल, रसायनों, ईंधन आदि की कीमतों में जबरदस्त वृद्धि को ध्यान में रखते हुए और उत्पादन लागत में वृद्धि को कवर करने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि है कि 3 रुपये प्रति फुट रेट बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले भी 2 रूपये दाम बढ़ाया गया था लेकिन उसके बाद भी प्लाइवुड उद्योग को चलाने में मुश्किल हो रही थी इसलिए अब 3 रूपये ओर बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर किसी भी सदस्य को बिना दस्तावेजों के प्लाईवुड बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस पहलू पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
यह समिति उचित दस्तावेजों के बिना वाहनों को पकड़ने के लिए सड़क किनारे जांच करेगी और जीएसटी, राज्य अधिकारियों को जानकारी देगी और एसोसिएशन के नियमों का पालन न करने पर जुर्माना भी लगाएगी। यह नियम 10 जुलाई 2024 से प्रभावी होगा। यह नियम एमआर, एमयूएफ या पीएफ ग्रेड में उनकी भागीदारी के बावजूद सभी सघन इकाइयों पर लागू है।
हिन्दुस्थान समाचार/अवतार/सुमन