झज्जर: सरकार जल्द निकालो समाधान, जल्द खुलवाएं बॉर्डर
-जल्द खुलें बॉर्डर, लोगों के दिल्ली आवागमन में छूट रहे पसीने
-तंग रास्तों से होकर दिल्ली आवागमन कर रहे लोग
-एमआईई भाग-ए व बी में स्थित तीन हजार फैक्ट्रियां हो रही प्रभावित
झज्जर, 23 फरवरी (हि.स.)। पिछले 12 दिन से बंद दिल्ली के बॉर्डरों को खोलने की मांग लगातार उठ रही है। बॉर्डर सील होने से शहरवासियों के साथ-साथ उद्योगपतियों की परेशानी भी बढ़ गई है। एमआइई भाग-ए व बी में काम प्रभावित हो रहा है। यहां तीन हजार से अधिक छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां हैं। श्रमिकों को भी दिक्कत उठानी पड़ रही है। लोगों को न केवल बहादुरगढ़ शहर में बल्कि दिल्ली आवागमन करने में भी काफी पसीने छूट रहे हैं।
लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों और सरकार से मांग की है कि दिल्ली की तरफ जाने वाली एक लेन को खोल दिया जाए। ताकि लोग दिल्ली आवागमन कर सकें। वहीं झाड़ोदा बॉर्डर से लोगों को निकलने में दिक्कत हो रही है। दुपहिया वाहन चालक तो जैसे-तैसे कच्चे रास्तों से होकर दिल्ली की तरफ निकल जाते हैं, लेकिन चारपहिया वाहन चालकों को बेहद परेशानी हो रही है। लोगों का कहना है कि अभी किसान दिल्ली बॉर्डर से एक-दो नहीं बल्कि 200-250 किलोमीटर दूर हैं। ऐसे में लोगों के आवागमन के लिए सडक़ के एक तरफ के रास्ते को खोल दिया जाना चाहिए।
आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र में स्थित फैक्टरी संचालक विकास आनंद सोनी, जितेंद्र गुप्ता, विक्रम शर्मा, हरि शंकर ने कहा कि जब से किसानों के दिल्ली कूच की आहट सुनाई दी है। तभी से बहादुरगढ़ सेक्टर-9 मोड़ से टीकरी बॉर्डर का रास्ता पूरी तरह सील है। यहां से किसी भी तरह फैक्ट्रियों में सामान लाना और भेजना मुश्किल हो रहा है। फैक्ट्रियों में माल से लदी गाडिय़ां खड़ी हैं, लेकिन बॉर्डर सील होने के कारण ये गाडिय़ां फैक्ट्रियों से नहीं निकल पा रही।
झाड़ोदा बॉर्डर पर जाते हैं वाहन चालक और लौट आते हैं
झाड़ोदा बॉर्डर भी सील है। यहां से चार पहिया वाहन चालक निकलने की कोशिश में वहां पहुंचते हैं, लेकिन कॉलोनी के अंदर से चक्कर काटने के बाद वापस बहादुरगढ़ की तरफ लौट आते हैं। यहां से केवल दो फुट का रास्ता खुला हुआ है। लोग पैदल आ-जा सकते हैं। दुपहिया वाहन चालक कच्चे रास्ते से होकर जाते हैं। मंगलवार को भी काफी संख्या में चार पहिया वाहन चालक इसी तरह वापस लौटते नजर आए।
हिन्दुस्थान समाचार/शील/संजीव