गुरुग्राम में 123 वर्ष की उम्र में हुआ पार्वती देवी का निधन
-परिजनों ने लंबी आयु के लिए गाय के दूध को दिया श्रेय
-सड़पौत्र, पौत्रियों से भरा-पूरा परिवार छोडक़र गई
गुरुग्राम, 3 नवम्बर (हि.स.)। तकनीक और आधुनिकता के दौर में जहां इंसानों की औसत उम्र घटती जा रही है, वहीं कार्टरपुरी गांव की रहने वाली पार्वती देवी ने 123 साल की उम्र पार करके सांसारिक जीवन से विदा हो गईं। वे अपने पीछे चार पीढ़ी पार्वती बेटे, बेटियां, पौत्र, पौत्री, पड़पौत्री और सड़पौत्र-पौत्रियों से भरा पूरा परिवार छोड़ कर गई हैं।
7 जुलाई 1900 में जन्मी पार्वती देवी के बारे में सबसे खास बात तो यह रही कि इस लंबे जीवन के दौरान कभी ज्यादा गंभीर रूप से बीमार नहीं हुईं। परिवार के लोगों ने पार्वती के स्वस्थ जीवन और लंबी आयु का मुख्य कारण गाय का दूध बताया। पार्वती देवी के पुत्र कृष्ण यादव ने बताया कि उनकी माता जी सदा गाय का दूध पीती रहीं, जोकि उनके लिए अमृत के समान था। कृष्ण के अनुसार कुछ दिन पहले उनकी तबियत खराब रहने लगी थी। तब उन्होंने कामधेनू गौशाला में जाकर गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष पूरन यादव और गौसेवक बलजीत यादव से मुलाकात की और उन्हें पार्वती के स्वास्थ्य को लेकर दूध उपलब्ध कराने के बारे में कहा। गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष पूरन यादव ने तुरंत पार्वती देवी के लिए दूध की व्यवस्था की, जिनसे उनकी तबियत फिर से ठीक हो गई थी और उन्होंने खाना-पीना स्वस्थ व्यक्ति की तरह शुरू कर दिया था।
दोबारा से आने लगे थे दांत
पार्वती देवी 123 साल की उम्र में भी देखने और सुनने में सक्षम थी। इसके अलावा उनके मुंह में दोबारा से दांत भी आ गए थे,जो किसी चमत्कार से कम नहीं। एक जुलाई 1900 में गुरुग्राम जिला के गांव बोहडक़लां में जन्मी पार्वती देवी का 123 साल की उम्र में 26 अक्टूबर 2023 को निधन हो गया। उल्लेखनीय है कि चार पीढ़ी देख चुकी पार्वती के परिवार में उनके तीन पुत्र और चार पुत्रियां हुई। तीनों पुत्रों में फौज में देश की सेवा की और उनमें से दो की मृत्यु हो चुकी है। पांच पौत्र और छह पौत्री हैं। तीन पौत्र भोज में भर्ती हुए और दो सेवानिवृत हो चुके हैं। इसके अलावा सात पड़पौत्र, तीन पड़पौत्री के अलावा एक षडपौत्री है। चार पीढ़ी देख चुकी पार्वती के निधन पर समाज के प्रबुद्ध लोगों ने ईश्वर से मृतक की आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
हिन्दुस्थान समाचार/ईश्वर/संजीव