हिसार: एससी समाज के ग्रुप ए व बी अधिकारियों को प्रमोशन में आरक्षण की सरकारी घोषणा कागजी: रजत कल्सन
दो सप्ताह में घोषणा को अमलीजामा नहीं पहनाया तो पूरे हरियाणा का एससी समाज मुख्यमंत्री आवास के आगे करेगा रोष प्रदर्शन
जाति विशेष समाज एससी समाज के अधिकारियों की प्रमोशन में बेबुनियाद याचिकाएं दायर कर पैदा कर रहे हैं अवरोध
हिसार, 6 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने इस वर्ष अगस्त में अनुसूचित जाति समाज के ग्रुप ए व बी के अधिकारियों को प्रमोशन में 20 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी। इसके बाद हरियाणा सरकार ने इस बारे में एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया था, परंतु हरियाणा सरकार की यह घोषणा केवल कागजी बन कर रह गई है।
इस बारे में सरकार की कार्यप्रणाली पर रोष व्यक्त करते हुए नेशनल एलायंस फ़ॉर दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक रजत कल्सन ने बुधवार को कहा कि सरकार की कार्यप्रणाली से साफ नजर आ रहा है कि सरकार ने यह घोषणा राजनीतिक फायदे के लिए की है। अगर सरकार वास्तव में अनुसूचित जाति के अधिकारियों और प्रमोशन में आरक्षण देना चाहती तो इस फैसले को तुरंत प्रभाव से लागू करती, परंतु सरकार ने यह घोषणा कर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है तथा संबंधित विभागों, बोर्ड व निगमो, निकायों से आज तक एससी समाज के ग्रुप ए व बी के अधिकारियों का डाटा तक नहीं मांगा गया है।
कलसन ने कहा कि सीएम खट्टर ने राजनीतिक दिखावे के लिए पंचकूला में आयोजित एक कार्यक्रम में एक अनुसूचित जाति समाज के शिक्षा विभाग के अधिकारी को डिप्टी डायरेक्टर पर प्रमोट कर अपनी घोषणा की इति श्री कर दी उसके बाद आज तक इस मामले में सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई है। दूसरी तरफ हरियाणा में एससी समाज के साथ भाइचारे का ढोंग करने वाली जाति विशेष के लोग भी इस मामले में एससी समाज के अधिकारियों को दिए गए प्रमोशन में आरक्षण को रोकने के लिए एडी-चोटी तक का जोर लगाए हुए हैं तथा ये लोग पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में मनगढ़ंत व बुनियाद याचिकाएं दायर कर रहे हैं दूसरी तरफ इस समाज के नेता राजनीतिक मंदसौर पर अनुसूचित जाति समाज के साथ भाइचारे का झूठा दिखावा करते हैं।
रजत कलसन ने कहा कि पुलिस विभाग में अनुसूचित जाति समाज के निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को डीएसपी रैंक पर प्रमोट करने की प्रक्रिया चल रही है तथा इस मामले में जाति विशेष के अधिकारियों ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इस पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने कोई रोक नहीं लगाई थी इसके बावजूद केवल याचिका दायर करने के आधार पर ही पुलिस विभाग ने अनुसूचित जाति के अधिकारियों को डीएसपी प्रमोट होने की प्रक्रिया रोक दी।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव