पलवल: डीईआईसी के क्लब फुट क्लिनिक में टेढ़े-मेढे पैर वाले बच्चों का होगा इलाज

 


पलवल,13 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तत्वावधान में बुधवार को सिविल सर्जन डाॅ. नरेश गर्ग के दिशा-निर्देशन व उपसिविल सर्जन डाॅ. रामेश्वरी के मार्गदर्शन में डीईआईसी ने क्लब फुट से ग्रस्त बच्चों के लिए शिविर आयोजित किया। शिविर में नोडल अधिकारी एवं हड्डी रोग सर्जन डाॅ. दिनेश सोनी की देखरेख में डाॅ. लितेश मलिक ने पीड़ित बच्चों के पैरों में प्लास्टर लगाए गए तथा अनुष्का फाउंडेशन ने बच्चों को ब्रास व जूते वितरित किए।

उप सिविल सर्जन डाॅ. रामेश्वरी ने बताया कि क्लब फुट (पैर के पंजे का अंदर की तरफ मुड़ा होना) एक ऐसी विकृति है, जिसमें बच्चा बड़ा होकर चलने-फिरने, खेलकूद व दौड़ लगाने तथा दैनिक कार्य करने में असमर्थ रहता है, लेकिन क्लब फुट की विकृति को ठीक होने के बाद बच्चा अपने दैनिक कार्य व किसी भी खेलकूद में भाग लेकर तथा अपने सारे दैनिक कार्य करने में समर्थ हो जा सकता है और सामान्य जीवन व्यतीत करने में सक्षम बन जाता है।

डीईआईसी की प्रबंधक डॉ. साक्षी शर्मा ने इस अवसर पर माताओं व अभिभावकों को जन्मजात रोगों के बारे में भी जागरूक किया तथा अभिभावकों को प्रत्येक सोमवार को क्लब फुट वाले बच्चों का इलाज करवाने की सलाह दी। इसके अलावा डीईआईसी सेंटर द्वारा जन्मजात विकृति जैसे न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (पीठ पर फोड़ा होना), क्लेफ्ट लिप एंड क्लेफ्ट पैलेट (कटे होंठ व कटा तालु), जन्मजात बहरापन, अंधापन, डाउन सिंड्रोम, जन्मजात मोतियाबिंद, रेटिनोपैथी ऑफ प्रिमेच्योरिटी, गंभीर एनीमिया, विटामिन ए, बी तथा विटामिन डी की कमी, कुपोषण, चर्म रोग, दंत रोग, कान बहना, ट्यूबरक्लोसिस (तपेदिक), श्वसन संबंधी, मिर्गी, भेंगापन, शारीरिक व मानसिक विकास में देरी, बोलने व चलने में देरी, न्यूरो मोटर इंपेयरमेंट, हियरिंग इंपेयरमेंट, रिफ्रैक्टिव एरर, मंदबुद्धि (लर्निंग डिस्ओडर) तथा स्पीच एंड लैंग्वेज डिले (बोलने में देरी) आदि से ग्रस्त बच्चों को जिला नागरिक अस्पताल के डीईआईसी सेंटर द्वारा विभिन्न विभागों व टर्सरी लेवल (तृतीयक स्तर) पर हायर सेंटर में भेज कर उचित उपचार करवाया जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ गुरुदत्त/सुमन/संजीव/सुनील