हिसार : गुलाबी सुंडी का प्रकोप गत वर्ष के मुकाबले कम, एचएयू की सर्वे रिपोर्ट से हुआ खुलासा
इस बार पहले के मुकाबले अधिक पैदावार और मुनाफे की संभावना
हिसार, 14 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कपास अनुभाग के वैज्ञानिकों की टीम की ओर से कपास की फसल का फिल्ड में लगातार सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के दौरान गुलाबी सुंडी के प्रकोप से फसल को बचाने के लिए किसानों को प्रशिक्षणों के द्वारा जागरूक भी किया जा रहा है।
कपास विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. करमल सिंह ने बुधवार को बताया कि हिसार व फतेहाबाद जिलों के विभिन्न गांवों में सर्वे करके उस पर आधारित कपास में गुलाबी सुंडी व अन्य बीमारियों से बचाने के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है। अब तक किए गए सर्वे में यह पाया गया है कि राजस्थान से सटे हुए गांवों में गुलाबी सुंडी का प्रकोप 10 से 35 प्रतिशत तक का असर देखा गया है, वहीं भिवानी व हिसार जिलों में गुलाबी सुंडी का असर 10 प्रतिशत तक है। कपास अनुभाग व कृषि विभाग द्वारा किसानों को जागरूक करने के लिए विभिन्न गांवों में कृषि मेले भी आयोजित किए गए हैं। गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष कपास की फसल अच्छी है और इस बार पहले के मुकाबले कपास की अधिक पैदावार और मुनाफे की संभावना है। डॉ. करमल सिंह ने बताया कि गत एक माह से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के एडीओ, बीएओ, एसडीएओ, एटीएम, बीटीएम तथा सुपरवाइजर को हरियाणा एग्रीकल्चरल मैनेजमेंट एंड एक्सटेंशन ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट (हमेटी) जींद में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
आने वाले एक महीने में गुलाबी सुंडी से बचाव के लिए करें ये उपाय
विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक सभी किसानों को कपास की अधिक पैदावार लेने के लिए आगामी एक महीने तक सजग रहते हुए विश्वविद्यालय के कपास अनुभाग द्वारा बनाई गई सिफारिश के अनुसार कार्य करने की सलाह दे रहा है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष गुलाबी सुंडी का प्रकोप कम है अगले एक महीने तक किस गुलाबी सुंडी से बचाव के लिए 10 दिन के अंतराल पर निम्रलिखित कीटनाशकों का स्प्रे करें: प्रोपेनोफोस 50 ई.सी.3 मिली लीटर प्रति लीटर पानी, क्विनलफोस 20 एएफ 4 मिली लीटर प्रति लीटर पानी, थायोडिकार्ब 75 डब्ल्यूपी 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी। जड़ गलन रोग के लिए प्रभावित पौधों के आसपास स्वस्थ पौधों में एक मीटर तक कार्बन्डजिम 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर 100-200 मिली लीटर प्रति पौधा जड़ों में डालें। पैराविल्ट के लिए किसान लक्षण दिखाई देते ही 24-48 घंटों के अंदर दो ग्राम कोबाल्ट क्लोराइड 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडक़ाव करें।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर / SANJEEV SHARMA