हिसार: आईआरआईएनएस पोर्टल व विद्वान डेटाबेस दोनों ही प्रमुख गतिविधियां: प्रो. संजीव
गुजवि में ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
हिसार, 13 दिसंबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में संकाय सदस्यों व अनुसंधान विद्वानों के लिए भारतीय अनुसंधान सूचना प्रणाली नेटवर्क (आईआरआईएनएस) पोर्टल और विद्वान डेटाबेस पर बुधवार को ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ। इसमें विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. संजीव कुमार मुख्य अतिथि रहे, जबकि पल्लब प्रधान व अमृता देवी कार्यक्रम के विषय विशेषज्ञ थे। इस अवसर पर आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सैल के निदेशक प्रो. आशीष अग्रवाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ. नरेंद्र कुमार चौहान ने किया।
मुख्य अतिथि प्रो. संजीव कुमार ने कहा कि आईआरआईएनएस पोर्टल व विद्वान डेटाबेस दोनों ही प्लेटफॉर्म इनफ्लिबनेट की प्रमुख गतिविधियां हैं और पूरे भारत में विभिन्न संगठनों में किए जा रहे शोध को एक मंच पर लाने में अद्भुत भूमिका निभा रहे हैं। यह भारतीय अनुसंधान का एक शो केस है। दोनों सूचना एवं पुस्तकालय नेटवर्क के उत्पाद हैं जो भारत सरकार की प्रमुख स्वायत्त संस्था है। वर्तमान युग में, वेब प्लेटफ़ॉर्म ने अकादमिक व अनुसंधान समाजों का रुख बदल दिया है। विस्तृत जानकारी उपलब्ध है लेकिन सही जानकारी निकालना एक बड़ी चुनौती है। इस प्रकार, शैक्षणिक एवं अनुसंधान उद्देश्यों के लिए प्रामाणिक व सही जानकारी प्राप्त करने के लिए वैध प्रक्रिया की पेशकश करने में इनफ्लिबनेट एक अद्भुत भूमिका निभा रहा है।
विषय विशेषज्ञ पल्लब प्रधान ने कहा कि भारत में उच्च शिक्षण संस्थानों में किए जा रहे अनुसंधान की अधिक दृश्यता और अनुसंधान डेटाबेस और विद्वान नेटवर्क बनाने के लिए, आईआरआईएनएस भारत में शैक्षणिक और अनुसंधान एवं विकास संगठनों के लिए मुफ्त सॉफ्टवेयर-ए-सेवा के रूप में उपलब्ध है। पोर्टल शैक्षणिक, अनुसंधान एवं विकास संगठनों और संकाय सदस्यों, वैज्ञानिकों को विद्वतापूर्ण संचार गतिविधियों को एकत्र करने, क्यूरेट करने और प्रदर्शित करने की सुविधा प्रदान करता है और विद्वतापूर्ण नेटवर्क बनाने का अवसर प्रदान करता है। इसे विभिन्न स्रोतों से विद्वानों के प्रकाशन को ग्रहण करने के लिए ओरसिड आईडी, स्कोपस आईडी, रिसर्च आईडी, माइक्रोसॉफ्ट एकेडमिक आईडी, गूगल स्कॉलर आईडी जैसी अकादमिक पहचान के साथ एकीकृत किया गया है।
विषय विशेषज्ञा अमृता देवी ने कहा कि विद्वान डेटाबेस भारत में शिक्षण और अनुसंधान में शामिल प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और अन्य अनुसंधान एवं विकास संगठनों में काम करने वाले वैज्ञानिकों/शोधकर्ताओं और अन्य संकाय सदस्यों के प्रोफाइल का प्रमुख डेटाबेस भी है। डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ. नरेंद्र कुमार चौहान ने कहा कि यह कार्यक्रम प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी रहा। उन्होंने कार्यक्रम से संबंधित गतिविधियों का विस्तृत परिचय दिया।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव