यमुनानगर प्रशिक्षण शिविर में वैज्ञानिकों ने वर्षा जल संचयन व भूजल संरक्षण के महत्व पर दिया जोर
-- गुरुनानक खालसा कालेज में हुआ सेमिनार
-- केंद्रीय भूजल बोर्ड उत्तर पश्चिम क्षेत्र चंडीगढ़ का मिला सहयोग
यमुनानगर, 13 मार्च (हि.स.)। भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन विभाग, नदी विकास, गंगा कायाकल्प विभाग और केंद्रीय भूजल बोर्ड, उत्तर पश्चिम क्षेत्र चंडीगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में जल संरक्षण और प्रबंधन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन गुरुनानक खालसा कालेज में बुधवार को किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. हरिंदर सिंह कंग ने किया।
डॉ. हरिंदर सिंह कंग ने वर्षा जल संचयन और भूजल संरक्षण के महत्व पर जोर दिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 120 छात्रों ने भाग लिया। केंद्रीय भूजल बोर्ड, चंडीगढ़ के क्षेत्रीय निदेशक अनुराग खन्ना के कुशल मार्गदर्शन में विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा भूजल के विभिन्न आयामों पर चर्चा हुई। प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत सी.जी.डब्ल्यू.बी. चंडीगढ़ के भूभौतिकीविद् सुनील कुमार के व्याख्यान से हुई। जिन्होंने बुनियादी अवधारणाओं हाइड्रोजियोलॉजी और जलभृत प्रणाली पर बात की। वरिष्ठ वैज्ञानिक वी.एन.नेगी ने हरियाणा राज्य में भूजल परिदृश्य पर व्याख्यान दिया। आयुष केशवानी, वैज्ञानिक सी.जी.डब्ल्यू.बी ने भूजल जांच में भूभौतिकीय तकनीकों का अनुप्रयोग
विषय पर प्रकाश डाला। इसके बाद के.जी. भरतारिया ने हरियाणा में भूजल की गुणवत्ता पर अपनी प्रस्तुति दी। फिर श्री भूपिंदर सिंह, आईईसी विशेषज्ञ, अटल भूजल योजना ने प्रस्तुति दी। जिन्होंने स्थानीय स्तर पर भूजल प्रबंधन पर बात की और साकिब ने जल संरक्षण और जल बचत तकनीक विषय पर प्रकाश डाला। गुरु नानक खालसा कॉलेज के अध्यक्ष सरदार रणदीप सिंह जौहर ने प्रशिक्षण सत्र के आयोजकों और वैज्ञानिकों की सराहना की और जल संरक्षण को मूल्यवान बताते हुए इसे सबके द्वारा व्यक्तिगत तौर पर अपनाने की भी बात कही।
हिन्दुस्थान समाचार/अवतार/संजीव