नारनौलः सेवा भाव को जीवन में करना होगा आत्मसातःप्रताप
नारनाैल, 10 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) महेंद्रगढ़ में गुरुवार को विश्वविद्यालय के एक भारत श्रेष्ठ भारत प्रकोष्ठ द्वारा युवा और सेवा फाउंडेशन, हरियाणा प्रांत के सहयोग से एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का उद्देश्य सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने में सेवा के परिवर्तनकारी प्रभाव का पता लगाना था। ‘सेवा से समाज परिवर्तन’ विषय पर केंद्रित इस संगोष्ठी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हरियाणा प्रांत के प्रांत संघचालक प्रतापजी मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। इस मौके पर इंजीनियर मनीष राव मुख्य अतिथि व विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार मुख्य संरक्षक के रूप में मौजूद रहे।
मुख्य वक्ता प्रतापजी ने अपने संबोधन में निस्वार्थ सेवा के महत्व और समर्पित सामुदायिक कार्य के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन लाने में आरएसएस जैसे संगठनों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि मन एक ऐसा युवा है जो स्थाई रहता है। युवा केवल तन से ही युवा नहीं होना चाहिए बल्कि मन से भी युवा होना आवश्यक है, तभी तन व मन की संयुक्त क्रिया से एक स्वस्थ विचार की रचना होती है। वहीं विचार एक स्वस्थ समाज का आधार बनता है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद और उद्यम सिंह का उदाहरण देकर युवाओं को कार्य के साथ-साथ अपना संकल्प पूरा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद की भाषा में जो उद्धिष्ठ और जागृत है, वही युवा है।
उन्होंने कहा कि सेवा बहुत बड़ा प्रकल्प है परंतु हमें अपने आसपास उपलब्ध विकल्पों को जीवन में धारण करना होगा और उसे साथ लेकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि युवा किसी भी समाज में कोई भी बदलाव लाने में सक्षम हैं परंतु जरूरी यह है कि उनकी ऊर्जा सकारात्मक क्षेत्र में लगे। संगोष्ठी में एक भारत श्रेष्ठ भारत के नोडल ऑफिसर डा. राजेंद्र प्रसाद मीणा, डा. सुनील कुमार, जिला संघचालक कैप्टन हंसराज, विभाग प्रचारक जितेन्द्र, एस.डी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चैयरमैन जगदेव, शिक्षा भारती ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चैयरमैन योगेश शास्त्री आदि मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला