महेंद्रगढ़ की माटी का कल्पवृक्ष बचाने को उठी जन-आवाज

 


-खेजड़ी के वृक्ष को बचाने की ली शपथ

नारनाैल, 21 दिसंबर (हि.स.)। जिले में गांव अटाली की धरती पर रविवार को खेजड़ी बचाओ जन चेतना यात्रा का भव्य आयोजन हुआ। जिसमें पर्यावरण संरक्षण की एक नई अलख जगाई गई। इसने न केवल ग्रामीणों को प्रकृति से जोड़ा बल्कि राज्य की वन संपदा को संजोने का नया मार्ग भी प्रशस्त किया।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर वन संरक्षक, गुरुग्राम सुभाष यादव (भारतीय वन सेवा) मौजूद रहे। उन्होंने जनसमूह को संबोधित करते हुए खेजड़ी के वृक्ष को इस क्षेत्र का असली कल्पवृक्ष बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भीषण गर्मी और सूखे की मार झेलने के बावजूद यह वृक्ष सदैव हरा.भरा रहता है, जो इसकी अद्भुत सहनशीलता का प्रतीक है।

उप वन संरक्षक, महेंद्रगढ़ विजेंद्र सिंह (भारतीय वन सेवा) ने खेजड़ी के औषधीय और धार्मिक गुणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह वृक्ष केवल पशुओं को चारा या मनुष्यों को फल ही नहीं देता, बल्कि इसका प्रत्येक अंश आयुर्वेद की दृष्टि से अमूल्य है। जन्माष्टमी और दशहरे पर होने वाली इसकी पूजा हमारी सांस्कृतिक विरासत का अटूट हिस्सा है। इस दौरान सभी ने समवेत स्वर में खेजड़ी के वृक्ष को बचाने की शपथ भी ली। इस मौके पर राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन योद्धा संस्था के संयोजक कमल सिंह यादव, सरपंच ग्राम पंचायत अटाली जीतपाल और प्राचार्य राजकीय माध्यमिक विद्यालय, अटाली रतन सिंह सहित कई गांवों के प्रबुद्ध नागरिक मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला