जींद: वाहे गुरू जी दा खालसा, वाहे गुरू जी दी फतेह से गुंजायमान हुआ शहर

 


जींद, 15 दिसंबर (हि.स.)। नौंवीं पातशाही गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी गुरु पर्व के उपलक्ष में शुक्रवार को गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा भारत सिनेमा रोड की प्रबंधक कमेटी एवं गुरु तेग बहादुर हाई स्कूल के स्टाफ एवं छात्र, छात्राओं तथा समूह संगत के सहयोग से शहर में विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। नगर कीर्तन श्री गुरू सिंह सभा गुरुद्वारा भारत सिनेमा रोड से शुरू हुआ और शिव चौंक, पंजाबी बाजार, तांगा चौक, मेन बाजार, सिटी थाना व पालिका बाजार से होते हुए गुरुद्वारा श्री गुरू तेग बहादुर साहिब पर जाकर संपन्न हुआ।

गुरूघर के प्रवक्ता बलविंदर सिंह ने बताया कि नगर कीर्तन में श्री गुरू ग्रंथ साहिब की पालकी साहिब को बड़े ही सुसज्जित ढंग से सजाया गया था। इसकी अगुवाई गुरु के पंज प्यारे कर रहे थे तथा शब्दी जत्था पालकी साहिब के पीछे पीछे संगतों के साथ वाहे गुरू नाम सिमरन जपते हुए चल रहा था। नगर कीर्तन के आगे सुखमणी सेवा सोसायटी के सदस्य झाडू की सेवा दे रहे थे। नगर कीर्तन में स्कूली बच्चे रंग बिरंगी पोषाकों में पंजाबी गिद्धा, पंजाबी भंगड़ा, डंबल, लेजियम तथा पीटी शो करते हुए आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। नगर कीर्तन में गुरुद्वारा साहिब के रागी भाई गुरदित्त सिंह व भाई रिषिपाल सिंह के जत्थे द्वारा गुरू तेग बहादुर साहिब द्वारा रचित नौंवें महल्ले के श्लोकों को बाणी में पिरो कर गुरबाणी गायन कर रहे थे।

हेड ग्रंथी भाई सतबीर सिंह गुरू तेग बहादुर की जीवनी का उल्लेख करते चल रहे थे। बाजार में श्रद्धालुओं ने नगर कीर्तन के स्वागत के लिए जगह-जगह खाने पीने के स्टाल लगा रखे थे। नगर कीर्तन के ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब में पहुंचने पर मैनेजर रंजीत सिंह, मट्टू सिंह व गुरुद्वारा स्टाफ द्वारा नगर कीर्तन का भव्य स्वागत किया गया।गुरूघर प्रवक्ता बलविंद्र सिंह ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी को हिंद की चादर के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अपना सारा जीवन मानवीय मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया था।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव