सिरसा: गुरु पर्व पर शहर में निकाला गया नगर कीर्तन
सिरसा, 4 नवंबर (हि.स.)। गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में मंगलवार को सिरसा शहर में भव्य नगर कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी श्रद्धालुओं ने शिरकत की। गुरुद्वारा श्री चिल्ला साहिब से नगर कीर्तन आरंभ हुआ, जोकि शहर के विभिन्न मार्गों से निकला। इस दौरान श्री गुरूग्रंथ साहिब को फूलों से सजी पालकी में विराजा गया था। पंज प्यारे नगर कीर्तन की अगुवाई कर रहे थे। यात्रा के आगे महिला व पुरुष श्रद्धालुओं की ओर से सडक़ की सफाई और छिडक़ाव किया जा रहा था।
गुरुनानक देव जी प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में गुरुद्वारा साहिब में लोगों ने अपनी हाजिरी लगाई। नगर कीर्तन में रागी जत्थों ने शब्द कीर्तन किया। गतका पार्टियों ने साहसिक करतबों का प्रदर्शन किया। श्रद्धालुओं ने बोले सो निहाल, सत श्री अकाल से आसमान गूंजा दिया। नगर कीर्तन के दौरान शहर में जगह-जगह श्री गुरूग्रंथ साहिब का फूलों की वर्षा से स्वागत किया गया। अनेक जगहों पर श्रद्धालुओं की ओर से प्रसाद वितरित किया गया। श्रद्धालुओं ने श्री गुरुग्रंथ साहिब के आगे शीश झुकाकर अपनी श्रद्धा प्रकट की।
इसके अलावा जेसीडी विद्यापीठ गुरु पर्व पर श्री सुखमणी साहिब पाठ का भव्य और आध्यात्मिक आयोजन अत्यंत श्रद्धा एवं उत्साहपूर्वक किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जेसीडी विद्यापीठ के महानिदेशक प्रो. जयप्रकाश ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने मानवता, समानता, सत्य, करुणा और सेवा का जो संदेश दिया, वह आज के समय में भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन न केवल छात्रों में नैतिक मूल्यों की भावना जागृत करते हैं, बल्कि उनमें एकता, अनुशासन और आपसी सद्भाव को भी मजबूत करते हैं। गुरु नानक देव जी का जीवन प्रत्येक व्यक्ति को निस्वार्थ सेवा और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
सुखमणी साहिब जी का पाठ गुरुद्वारा शक्ति नगर, सिरसा के प्रसिद्ध ज्ञानी खालसा कुलवंत सिंह द्वारा बड़े श्रद्धा भाव से संपन्न किया गया। पाठ के दौरान परिसर में भजन-कीर्तन और अरदास का आयोजन हुआ, जिससे वातावरण पूर्णत: आध्यात्मिक और सकारात्मक ऊर्जा से ओत-प्रोत हो उठा। पाठ के उपरांत गुरु का लंगर वितरित किया गया, जिसमें सभी ने समान भाव से बैठकर प्रसाद ग्रहण किया और सर्व धर्म समभाव की भावना को आत्मसात किया।
हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma