हिसार: योग विज्ञान के क्षेत्र में लगातार बढ़ रही कुशल पेशेवरों की मांग : नरसी राम बिश्नोई

 


गुजवि शुरू करेगा इंटेग्रेटिड बीएससी (ऑनर्स/ऑनर्स विद रिसर्च)-एमएससी इन योगा साइंस एंड थेरेपी कार्यक्रम

हिसार, 30 मई (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के फिजियोथेरेपी विभाग में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से इंटेग्रेटिड बीएससी (ऑनर्स/ऑनर्स विद रिसर्च)-एमएससी इन योगा साइंस एंड थेरेपी कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। यह पंचवर्षीय सेमेस्टर प्रणाली कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत शुरू किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम में 30 सीटों का प्रावधान हैं। इससे पूर्व फिजियोथेरेपी विभाग में 2018 में 30 सीटों के साथ योग विज्ञान एवं चिकित्सा विषय में स्नातकोत्तर डिप्लोमा कार्यक्रम तथा 2019 में 40 सीटों के साथ एमएससी योग साइंस एंड थेरेपी कार्यक्रम शुरू किया जा चुका है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने गुरुवार को कहा कि दुनियाभर में योग और समग्र स्वास्थ्य प्रथाओं की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, योग विज्ञान के क्षेत्र में कुशल पेशेवरों की मांग बढ़ रही है। इस कार्यक्रम के विद्यार्थियों के लिए योग स्टूडियो, कल्याण केंद्रों, अस्पतालों, फिटनेस केंद्रों, स्कूलों, कॉर्पोरेट सेटिंग्स और संबंधित क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं कल्याण उद्योग तेजी से विस्तार कर रहा है। इस क्षेत्र में भी विद्यार्थियों व शोधार्थियों के लिए विशेष अवसर उपलब्ध हैं। विभागाध्यक्षा डा. जसप्रीत कौर ने बताया कि विश्वविद्यालय का फिजियोथेरेपी विभाग राज्य में योग शिक्षा प्रदान करने वाले अग्रणी संस्थानों में से एक है। इसके तहत पीएचडी फिजियोथेरेपी, मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी, बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी, एमएससी योग विज्ञान एवं चिकित्सा में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीवाईएसटी) पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि योग इस आधुनिक युग में शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए एक शब्द बन गया है। जबकि पूरी दुनिया योग के महत्व की सराहना कर रही है, इसे अक्सर षट्कर्म, आसन, प्राणायाम, बंध, मुद्रा, ध्यान के अभ्यास के साथ ही समझा जाता है। हालांकि ये योग के महत्वपूर्ण पहलू हैं, लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि योग दर्शन की एक गहन प्रणाली है, जिसमें शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण के पहलू विद्यमान हैं। इसके अलावा छात्रों में आत्मविश्वास पैदा करने के लिए शोध प्रबंध कार्य और क्षेत्रीय प्रशिक्षण एमएससी के अभिन्न अंग हैं। डा. जसप्रीत कौर ने बताया कि यह इंटेग्रेटिड बीएससी (ऑनर्स/ऑनर्स विद रिसर्च)-एमएससी इन योगा साइंस एंड थेरेपी कार्यक्रम योग विज्ञान एवं चिकित्सा के क्षेत्र में लागू पहलुओं पर विशेष प्रोत्साहन के साथ विषय की गहन समझ प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव