यमुनानगर: लाखों श्रद्धालुओं ने कपाल मोचन के सरोवरों में लगाई डुबकी
-- पांच दिवसीय कपाल मोचन मेला सोमवार को हुआ संपन्न
यमुनानगर, 27 नवम्बर (हि.स.)। प्रसिद्ध ऐतिहासिक एवं धार्मिक कपाल मोचन मेला सोमवार को पूर्ण श्रद्धा, उल्लास और क्षेत्र की महिमा के अनुरूप शांतिपूर्ण ढंग से मुख्य स्नान सम्पन्न हो गया। अनुमान है कि इस बार मेले में 23 नवंबर से 27 नवंबर तक लगभग साढ़े 8 लाख श्रद्धालुओं ने तीनों सरोवरों में स्नान किया। सभी मंदिरों और गुरूद्वारों में पूजा अर्चना की एवं मत्था टेका।
मुख्य मेला प्रशासक मनोज कुमार ने बताया कि देश के अन्य भागों विशेषकर पंजाब से भारी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान के उपरांत अपने घरों को लौटना शुरू कर दिया है। हरियाणा प्रांत के पड़ोसी राज्य पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उतर प्रदेश व उतराखंड के अलावा अन्य आसपास के शहरों व स्थानीय श्रद्धालुओं ने मेले में आकर सरोवरों में स्नान करना व पूजा अर्चना करना शुरू कर दिया है जो 27 नवम्बर की शाम तक जारी रहा। मेले की सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद रही। अतिरिक्त उपायुक्त आयुष सिन्हा ने बताया कि मंदिरों, गुरूद्वारों और पवित्र सरोवरों के घाटों पर रात्रि को प्रकाशमय बनाया हुआ था। तीनों सरोवरों में स्नान कर श्रद्धालुओं ने तीनों सरोवरों के किनारों पर दीप दान किया।
मेला प्रशासक एवं उपमंडल अधिकारी बिलासपुर जसपाल सिंह गिल ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा कपाल मोचन मेले के सूचारू संचालन के व्यापक प्रबंध किए गए। मेले में इतनी भारी भीड़ के बावजूद भी कहीं भी किसी तरह की असुविधा सामने नहीं आई। प्रत्येक श्रद्धालु ने सभी सरोवरों और सभी मंदिरों में भली प्रकार स्नान और पूर्ण विधिविधान से पूजा की। ऐसी मान्यता है कि कपाल मोचन सरोवर में स्नान करने से मनुष्य के जन्मों-जन्मों के पाप धुल जाते हैं। ऋण मोचन सरोवर में स्नान करने से मनुष्य सभी प्रकार के ऋणों से मुक्त हो जाता है और सूरज कुण्ड सरोवर में स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हिन्दुस्थान समाचार/अवतार/संजीव