जींद : अक्षय तृतीया पर बाल विवाह करवाने वालों की खैर नहीं
जींद, 9 मई (हि.स.)। दस मई शुक्रवार को अक्षय तृतीया पर जिले में बाल विवाह करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। बाल विवाह करवाने वालों के खिलाफ प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसी कड़ी में डीसी मोहम्मद इमरान रजा के निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग ने शहर में विभिन्न विवाह स्थल समारोह, मंदिर, गुरूद्वारा का दौरा किया और इनके संचालकों को दंपत्ति के आयु प्रमाण.पत्र देखने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि 10 मई शुक्रवार को अक्षय तृतीया है। इस दिन बाल विवाह अधिक संख्या में होने संभावित हैं, जोकि एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में आते हैं। कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, उसको बढ़ावा देता हैए या करने में उसकी किसी भी प्रकार से सहायता करता है, उसे दो साल तक की कैद या एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बाल विवाह रोकने के लिए डीसी मोहम्मद इमरान रजा के आदेशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी कांता यादव और संरक्षण अधिकारी सुनीता वीरवार को शहर के गुरूद्वारे, मैरिज पैलेस, मंदिर व अन्य विवाह स्थलों पर पहुंचे। वहीं दूसरी ओर महिला अधिकारियों ने महिला थाना का दौरा किया।
इस दौरान उन्होंने वहां पर मौजूद पंचायत प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे गांव में बाल विवाह न होने दें। अपने आसपास होने वाले विवाह में लड़का-लड़की की आयु के बारे में जरूर जानकारी लें। यदि दुल्हा व दुल्हन दोनों या उनमें से कोई भी एक निर्धारित आयु से कम मिलता है, तो वह बाल विवाह माना जाता है। ऐसे मामलों की सूचना जिला प्रशासन को तुरंत दें ताकि समय रहते बाल विवाह को रोका जा सके। बाल विवाह रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अधिकारियों की टीम गठित की गई हैं, जो जिला में अक्षय तृतीया के अवसर पर बाल विवाह रोकने के लिए सक्रिय रहेंगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव