कैथल:आढ़ती एसोसिएशन का ऐलान,मांगे नहीं मानी तो चुनाव में करेंगे विरोध

 








मांगों के समर्थन में अनाज मंडी में मार्केट कमेटी कार्यालय में दिया धरना, किया प्रदर्शन

कैथल, 1 अप्रैल (हि.स. )। सोमवार को हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के आह्वान पर कैथल की तीनों मंडियों के आढ़तियों ने मांगों को लेकर मार्केट कमेटी कार्यालय में प्रदर्शन किया और धरना दिया। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो चुनाव से 10 दिन पहले प्रदेश सरकार का खुला विरोध किया जाएगा। सोमवार को कैथल में धरने की अध्यक्षता नई अनाज मंडी प्रधान रामकुमार गर्ग, पुरानी अनाज मंडी प्रधान श्याम बहादुर खुरानियां, अतिरिक्त अनाज मंडी प्रधान सोहन ढुल्ल ने की।

सोमवार को शहर की तीनों अनाज मंडी के आढ़ती नई अनाज मंडी में जमा हुए थे। धरने व प्रदर्शन में चेयरमैन राजीव लटका, पूर्व प्रधान श्याम लाल नौच, पूर्व चेयरमैन धर्मपाल कठवाड़, रामनिवास मित्तल, जयवीर ढांडा, देशराज बंसल, कैलाश चंद, धनीराम गर्ग, कृष्ण शर्मा, रणधीर चहल, प्रेम जैन, जयकिशन मान, ईश्वर जैन, सुनील, राममेहर शर्मा, रामदेव मित्तल ने हिस्सा लिया।

नई अनाज मंडी प्रधान रामकुमार गर्ग ने बताया कि एसोसिएशन की मांग है कि कॉटन, सरसों, सूरजमुखी, बाजरा सहित अन्य सभी फसलें सरकार द्वारा एमएसपी पर आढ़तियों के माध्यम से ही खरीदी जाए। वहीं आढ़तियों को आढ़त पूरी 2.5 प्रतिशत मिलनी चाहिए। पिछले चार वर्षों से सरकार द्वारा गेहूं पर 46 रुपये और धान पर 45.88 रुपये तय आढ़त दी जा रही है जो बहुत कम है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली सभी फसलों का भुगतान किसान की सहमति अनुसार, आढ़ती या किसान के स्वयं के खाते में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कच्चे आढ़ती की कुल सेल उसकी कमीशन है। जिस पर नियम अनुसार टीडीएस काटा जाना चाहिए। हमारी सरकार से मांग है कि इसे जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए।

आढ़तियों के लिए जीएसटी पंजाब की तर्ज पर जरूरी नहीं होना चाहिए। इसके अलावा आढ़तियों की मांग है कि एफसीआई द्वारा खरीदी गई गेहूं पर पूरी आढ़त दी जाए, मार्केटिंग बोर्ड के नियमों में सुधार किया जाए। साथ ही मार्केट फीस भरने का समय 10 दिन किया जाए। एलएल फार्म प्रक्रिया बंद की जाए। आढ़त की फर्म का एक लाइसेंस पूरे प्रदेश की सभी मंडियों में मान्य होना चाहिए। मार्केट कमेटी के लाइसेंस की अवधि जीएसटी की तरह असीमित होनी चाहिए। मंडियों की दुकानों में आढ़त के अतिरिक्त अन्य व्यापार करने की भी इजाजत दी जाए।

हिन्दुस्थान समाचार/ नरेश