कैथल: किसान आंदोलन के कारण कैथल रोडवेज को अब तक एक करोड़ का नुकसान
10 फरवरी से बंद है कैथल से पंजाब जाने वाली बसें
इंटरनेट बंद होने से कर्मचारियों की ड्यूट्टियां लगाने में भी हो रही है परेशानी
पंजाब की अपेक्षा दिल्ली रूट पर होती थी ज्यादा आमदनी
25 हजार यात्रियों को हो रही परेशानी
कैथल, 23 फरवरी (हि.स.)। संयुक्त किसान मोर्चा के पंजाब से दिल्ली कूच के ऐलान के बाद 10 फरवरी से कैथल से पंजाब जाने वाली बसें बंद है। आंदोलन शुरू होने के बाद 13 फरवरी से कैथल से जयपुर और दिल्ली की बस सेवा भी बंद है। लगभग 13 दिनों से कैथल रोडवेज की आमदनी लगातार घट रही है।
सामान्य दिनों में कैथल डिपो में 20-25 लाख रुपये की रोजाना आमदनी होती है। बसें बंद होने से विभाग की आधी आमदनी घट गई है। साथ ही बसों के किलोमीटर भी घटे हैं। लगभग दो सप्ताह में विभाग को लगभग 80 लाख से एक करोड रुपए से अधिक का घाटा हो रहा है। आंदोलन के 10 दिन बाद भी कैथल से दिल्ली, जयपुर, पुष्कर, जम्मू कटरा, शिमला, पटियाला, रोहतक व गुरुग्राम रूट पर अभी बस सेवा बंद है।
कैथल से दिल्ली, कैथल से जयपुर, कैथल से पुष्कर, कैथल से पटियाला, कैथल से जम्मू कटरा, कैथल से पठानकोट, कैथल से शिमला, कैथल से चंडीगढ़, कैथल से संगतपुरा, कैथल से खनौरी, कैथल से पातड़ां व कैथल से संगरूर संगरूर जाने वाली बस बंद होने से रोडवेज को प्रतिदिन लाखों का नुकसान हो रहा है।
मोबाइल से फोन कर कर्मचारियों की लग रहे हैं ड्युटियां
कैथल से बाहर गए व ग्रामीण इलाकों में बस लेकर गए हुए रोडवेज के कर्मचारियों को इंटरनेट बंद होने के कारण व्हाट्सएप पर ड्यूटी के आदेश नहीं दिए जा रहे हैं। अब अधिकारी मोबाइल फोन के माध्यम से कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए सूचित कर रहे हैं। इसके अलावा कर्मचारी खुद कार्यालय पहुंचकर ड्यूटी के बारे में पता कर रहे हैं।
बसें बंद होने से रोडवेज को हो रहा है नुकसान
बसों के संचालन बंद होने से विभाग की आमदनी घटी है। लगभग दो सप्ताह में विभाग को 80 लाख से एक करोड रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है। जिस कारण विभाग अब आर्थिक परेशानी से भी जूझ रहा है। इसके साथ-साथ बसों के किलोमीटर भी कम हुए है। मुख्यालय के आदेशानुसार बसों को बंद किया गया है। जहां रास्ता खुला है। वहां बसों को भेजा जा रहा है। पंजाब, राजस्थान व दिल्ली के लिए बस सेवा पर अभी रोक जारी है। कैथल से चंडीगढ़ के लिए बस सेवा सुचारू रूप से चल रही है।
-अजय गर्ग, रोडवेज डिपो महाप्रबंधक कैथल।
हिन्दुस्थान समाचार/ नरेश/संजीव