फतेहाबाद: विदेशों में बढ़ी हिन्दी की लोकप्रियता, विदेशी भी सीखना चाहते हैं हिन्दी : प्रो. ऋषिपाल

 


‘हिन्दी की विश्व में बढ़ती लोकप्रियता’ विषय पर एमएम कॉलेज में व्याख्यान

फतेहाबाद, 20 मार्च (हि.स.)। हिंदी देश की राष्ट्र भाषा आज तक भले ही नहीं बन पाई है, लेकिन विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे नंबर पर शुमार हिंदी की लोकप्रियता दुनिया के देशों में दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। जैसे-जैसे वैश्विक मंचों पर भारत की उपस्थिति मजबूत हो रही है, वैसे-वैसे भारत के अलावा अन्य देशों में हिन्दी की लोकप्रियता भी बढ़ रही है। यह बात मनोहर मेमोरियल स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हिन्दी विभाग एवं आईक्यूएसी द्वारा ‘हिन्दी की विश्व में बढ़ती लोकप्रियता’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता के तौर पर पहुंचे बाबू अनन्त राम जनता कॉलेज, कौल, कैथल के प्राचार्य डॉ. ऋषिपाल ने कही।

एमएम कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुरचरण दास ने मुख्य वक्ता का कॉलेज में पहुंचने पर स्वागत किया। हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी कोहली की देखरेख में आयोजित इस कार्यक्रम का संचालन प्रो. राजदीप कौर ने किया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ. ऋषिपाल ने कहा कि हिन्दी बीते सालों में आम आदमी की सोच में अपनी जगह बनाने में कामयाब रही है। इसकी लोकप्रियता ही है कि बड़ी संख्या में विदेशों में भी लोग हिन्दी सीखना चाहते हैं। विदेशों के अनेक विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती है। अब तो संयुक्त अरब अमीरात में हिन्दी को तीसरी अधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई है। वहां की अदालतों में भी यह मान्य है। जापान में तो कक्षा 10 के विद्यार्थियों में फ्रेंच के साथ हिन्दी का के्रज बढ़ता जा रहा है।

प्रो. ऋषिपाल ने कहा कि विश्व में अंग्रेजी और चीन की भाषा के बाद हिन्दी की सर्वाधिक बोली जाती है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी विदेशों में जाते हैं तो हिन्दी में बात करने को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान करते हुए कहा कि हमें अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना जरूरी है लेकिन हमें अपनी मातृभाषा को नहीं छोडऩा चाहिए। हिन्दी में बात करने को हमें अपनी शान समझना होगा। हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी कोहली ने मुख्य वक्ता का धन्यवाद किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर प्रो. आरके कौशिक, एसएस मल्होत्रा, गणित विभागाध्यक्ष डॉ. विजय गोयल, हिन्दी विभाग से डॉ. सुमंगला वशिष्ठ, प्रो. राजदीप कौर, डॉ. अंजली शर्मा, प्रो. कमला, प्रो. आशा, प्रो. माया, संस्कृत विभाग से डॉ. रवीना के अलावा काफी संख्या में विद्यार्थी भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन/संजीव