कैथल: वकीलों ने महाराणा प्रताप को किया याद, चेंबर में मनाई महाराणा की जयंती

 


कैथल, 9 मई (हि.स.)। चेंबर परिसर में गुरुवार को वकीलों ने महाराणा प्रताप की 884वीं जयंती धूमधाम से मनाई। चेंबर नंबर 258 पर अमित सिंह राणा द्वारा मनाई गई जयंती में भारी संख्या में वकीलों ने एकत्र होकर महाराणा प्रताप को नमन किया।

जिला बार एसोसिएशन के प्रधान बलजिंदर सिंह मलिक ने कहा कि महाराणा प्रताप ने स्वाधीनता के लिए घास की रोटी तक खाई। उन्होंने कभी गुलामी सहन नहीं की और ना ही पीठ दिखाई। युद्ध में मुगलों के दांत खट्टे किए और अपनी सेना का लोहा मनवाया। उन्होंने हिंदुत्व को बचाने के लिए बलिदान दिया। अमन सिंह राणा ने बताया कि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के मेवाड़ में हुआ था। राजपूत राजघराने में जन्म लेने वाले प्रताप उदय सिंह द्वितीय और महारानी जयवंता बाई के सबसे बड़े पुत्र थे। वे एक महान पराक्रमी और युद्ध रणनीति कौशल में दक्ष थे। महाराणा प्रताप ने मुगलों के बार-बार हुए हमलों से मेवाड़ की रक्षा की।

उन्होंने अपनी आन, बान और शान के लिए कभी समझौता नहीं किया। विपरीत से विपरीत परिस्थिति ही क्यों ना हों, कभी हार नहीं मानी। यही वजह है कि महाराणा प्रताप की वीरता के आगे किसी की भी कहानी टिकती नहीं है। इस मौके पर संगठन के पूर्व प्रधान वेद प्रकाश ढुल, बलबीर बंसल, रमेश राणा, प्रदीप हरित, कृष्ण सैनी, नरेश शर्मा, सुनील राणा, राजेश गोरसी, दिनेश सोंगल, रामफल शर्मा, अंकुश जिंदल, गुलाब सिंह विर्क, भूपेंद्र राणा, अनुज खनोदा, जितेंद्र काद्यान, साकेत मंगल, बलबीर धीमान, राहुल गुप्ता, अजय शर्मा, सतीश धीमन और मनोज चौहान उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/नरेश /संजीव