कंबाेपुरा हत्याकांड : स्पेशल कोर्ट के फैसले को पीड़िताें ने दी हाई कोर्ट में चुनौती
हत्याकांड के आरोपित जिले राम शर्मा के भाजपा में जाते ही सरकार ने पीड़ितों से हटाई पुलिस सुरक्षा
पीड़ितों ने न्याय न मिलने पर जिले राम के आवास के बाहर आत्मदाह करने की दी धमकी
चंडीगढ़, 28 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान करनाल जिले के गांव कंबोपुरा में हुए बहुचर्चित हत्याकांड के पीड़ितों के परिजनों ने सीबीआई विशेष कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 5 सितंबर को हाेगी है। पीड़ित परिजनों ने राज्य सरकार पर सुरक्षा हटाने और
मामले में विशेष कोर्ट से बरी किए गए जिले राम शर्मा पर धमकाने का आरोप लगाया है। उन्हाेंने न्याय न मिलने पर जिले राम शर्मा के आवास के बाहर आत्मदाह करने की धमकी भी दी है।
मृतक कर्म सिंह के बेटे राजिंदर, पत्नी राजबाला, वकील राजेश मलिक ने बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में बताया कि वर्ष 2011 में हुए कर्म सिंह हत्याकांड में तत्कालीन मुख्य संसदीय सचिव जिले राम शर्मा व परिवहन मंत्री ओपी जैन समेत कई लोगों को आरोपित बनाया गया था। कई वर्षों तक चली सुनवाई के बाद सीबीआई कोर्ट ने जिले राम शर्मा को आरोप मुक्त करार कर दिया। उन्होंने बताया कि नियमानुसार अब उन्होंने सीबीआई कोर्ट के फैसले को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी है। जिसकी सुनवाई 5 सितंबर को तय हुई है। उन्होंने बताया कि जिले राम शर्मा भाजपा में शामिल होकर दोबारा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सीबीआई कोर्ट का फैसला आने के बाद जिले राम शर्मा के भाजपा में शामिल हुए तो उनके लोग पीड़ितों को लगातार धमका रहे हैं। हत्याकांड के बाद परिवार को मिली पुलिस की सुरक्षा को हटा लिया गया है। जिसके बाद परिवार के लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।
पत्रकाराें से वार्ता के दाैरान एडवोकेट राजेश मलिक ने परिवार को दोबारा सुरक्षा प्रदान करने की मांग करते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस महानिदेशक तथा मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है। कर्म सिंह के बेटे राजिंदर के अनुसार जिले राम शर्मा खुलेआम सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने अगर जिले राम को चुनाव मैदान में उतारा तो सैन समाज इसका विरोध करते हुए सडक़ों पर उतरेगा। कर्म सिंह के बेटे व पत्नी ने कहा कि संविधान के अधिकार के अनुसार उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि इंसाफ की यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक जारी रहेगी। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी पत्र लिखकर उचित कार्रवाई की मांग की है। उन्हें अगर इंसाफ नहीं मिला तो वह जिले राम शर्मा के आवास के बाहर आत्मदाह कर लेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा