कैथल: कैथल में रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ा वायु प्रदूषण, सांस लेना भी दूभर
कैथल, 31 अक्तुबर (हि.स.)। कैथल में पिछले एक सप्ताह से बढ़ रहा वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार और मंगलवार को वायु प्रदूषण का स्तर एक्यूआई सबसे ऊपरी स्तर पर रहा। इन दो दिनों में एक्यूआई 335 व 332 रहा जो अब तक का रिकॉर्ड है। वायु प्रदूषण बढ़ने से जिला में सांस के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। कैथल के सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन 10 से 15 मरीज ऐसे आ रहे हैं। जो सांस की बीमारियों से पीड़ित हैं।
अस्पताल में अब सांस संबंधित बीमारी के मरीज भी बढ़ने लगे हैं। पहले जिला नागरिक अस्पताल की ओपीडी में केवल 20 से 25 मरीज ही सांस से संबंधित आ रहे थे। पिछले तीन दिन से रोजाना 30 से अधिक मरीजों की ओपीडी हो रही है। वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद चिकित्सकों ने भी सांस के मरीजों को बाहर न घूमने की सलाह दी है। यदि वायु प्रदूषण का स्तर कम नहीं हुआ तो यह जिले के लिए लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। वहीं वायु में धुएं के कारण आंखों में जलन की समस्या भी उत्पन्न होती है। जिला नागरिक अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजीव मित्तल ने बताया कि इस बार अस्पताल में सर्दी के मौसम में पहुंचने वाले सांस के मरीज अभी से पहुंचने लगे हैं।
पराली जलाने से बढ़ा वायु प्रदूषण
जिला प्रशासन पराली जलाने से रोकने के लिए विशेष अभियान चला रहा है। बावजूद इसके किसान फसलों के अवशेष जलाने से रुक नहीं रहे हैं। जिस कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। फसल अवशेष प्रबंधन के नोडल अधिकारी जगदीश मलिक ने बताया कि कैथल में अब तक 42 लोगों के खिलाफ पराली जलाने पर मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा पराली जलाने पर 215 लोगों से 4 लाख 75 हजार रुपए जुर्माना वसूला जा चुका है। पिछले पांच दिन का एक्यूआई इस प्रकार रहा, 26 अक्टूबर 271, 27 अक्टूबर, 262, 28 अक्टूबर 288, 29 अक्टूबर 380, 30 अक्टूबर 350, 31 अक्टूबर 360।
हिन्दुस्थान समाचार/ नरेश/संजीव