कैथल: पुलिस पर फायरिंग करने वाले चार दोषियों को 3 से 5 साल की कैद, जुर्माना
देशी पिस्तौल से किए फायर, सरकारी काम किया बाधित
कैथल, 26 फरवरी (हि.स.)। एडीजे संगीता राय सचदेव की अदालत ने जानलेवा हमला करने, अवैध पिस्तौल से पुलिस पर फायरिंग कर सरकारी काम में बाधा डालने के चार अलग अलग दोषियों को 3 से 5 साल तक के कारावास और 10000 से 35000 तक जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं देने पर 2 महीने से 3 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
इस बारे में थाना राजौंद में 19 सितंबर 2020 को मुकदमा दर्ज किया गया था। स्टेट की ओर से केस की पैरवी करते हुए डीडीए जेबी गोयल ने बताया कि 19 सितंबर 2020 को पुलिस पार्टी रोहेड़ा रोड राजौंद पर मौजूद थी। वहां पुलिस को सूचना मिली कि अलेवा की तरफ से एक कार में चार युवक आ रहे हैं। जिनके पास अवैध पिस्तौल हैं। इसके बाद पुलिस ने अलेवा रोड राजौंद पर पहुंचकर नाकाबन्दी की। कुछ देर बाद अलेवा की तरफ से एक कार आती दिखाई दी। पुलिस ने उन्हें रुकने का ईशारा किया तो वे तेजी से कट मारकर असन्ध की तरफ चल दिए। पुलिस पार्टी ने उनका पीछा किया। वे कार को यहां वहां घुमाते रहे। पुलिस ने कार रुकवाने के लिये 2-2 हवाई फायर भी किये। हड़बड़ाहट में युवकों की कार एक बिजली के पोल से टकराकर गड्ढे में उतर गई। उनमें से एक युवक ने पुलिस पर दो फायर किये और खेतों की तरफ भागने लगा, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उनमें से एक युवक खेतों में भागने में सफल रहा। शेष दो युवक जख्मी अवस्था में गाड़ी में फंस गए। उन्होंने अपना नाम नवदीप उर्फ छोटू निवासी जैजैवंती जिला जीन्द, हरीकेश उर्फ टोनी बाबा निवासी शिमला तथा शेखर उर्फ हैप्पी निवासी दिल्ली बताया। भागने वाले युवक का नाम हरेन्द्र उर्फ हर्ष निवासी बादली बताया गया। तलाशी में हरीकेश से एक देशी पिस्तौल, शेखर से 4 जिन्दा कारतूस, नवदीप से देशी पिस्तौल व 4 जिन्दा कारतूस पाये गए। बाद में पुलिस ने हरेन्द्र को भी गिरफ्तार कर लिया गया। चारों के खिलाफ थाना राजौंद में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया और चालान अदालत के सामने पेश किया गया।
अदालत ने दोनों पक्षों को गौर से सुना और नवदीप को पांच साल कैद तथा 35 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर उसे 3 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। शेखर को 4 साल की सजा और 16 हजार रुपए जुर्माना किया। जुर्माना न देने पर 3 महीने की सजा काटनी होगी। हरिकेश को 4 साल सजा और 15 हजार जुर्माना किया है। जुर्माना न देने पर उसे 3 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी। इसी प्रकार हरेन्द्र को 3 साल की सजा तथा 10 हजार रुपए जुर्माना किया गया है। जुर्माना न देने पर दो महीने की सजा अलग से काटनी होगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ नरेश/संजीव