हिसार: युवाओं का मानसिक रूप से स्वस्थ रहना आवश्यक: वंदना बिश्नोई

 




‘युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य : चुनौतियां एवं समाधान’ विषय पर कार्यशाला आयोजित

हिसार, 28 नवंबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की प्रथम महिला वंदना बिश्नोई ने कहा है कि युवाओं का मानसिक रूप से स्वस्थ रहना आवश्यक है। मानसिक रूप से स्वस्थ रहकर ही देश का युवा खुद को और समस्याओं को बेहतर ढंग से समझ पाएगा और उनके समाधान में अपना योगदान दे पाएगा। वे मंगलवार को विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर काऊंसलिंग एंड वैल बींग के सौजन्य से ‘युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य : चुनौतियां एवं समाधान’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रही थी। कार्यशाला की अध्यक्षता सेंटर के निदेशक प्रो. संदीप राणा ने की।

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ अर्जुन गुप्ता तथा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से प्रो. सोनिया मलिक कार्यशाला के विषय विशेषज्ञ थे। सैंटर के सहायक निदेशक प्रो. राकेश बहमनी भी मंच पर उपस्थित रहे। डा. वंदना बिश्नोई ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं शिक्षण संस्थानों में अत्यंत आवश्यक है। कार्यशाला के प्रतिभागियों से कार्यशाला के संबंध में फीडबैक लिया जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की कार्यशालाओं के विषयों के चुनाव में और अधिक मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में युवा जिस प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं वे पहले से अलग हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

सेंटर के निदेशक प्रो. संदीप राणा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष की आयु से कम है। ये युवा देश का गौरव, आशा और उम्मीद हैं। मन से मजबूत युवा ही बेहतर भारत का निर्माण कर पाएंगे। उन्होंने युवाओं से कहा कि जीवन में जीवन से बड़ा कुछ नहीं है। सकारात्मक सोचें, मन को खोलना सीखें तथा सकारात्मक बदलावों के लिए अपनी आदतों व धारणाओं में बदलाव लाएं। छोटे-छोटे बदलाव अक्सर बड़े बदलावों का आधार बन जाते हैं। अपनी ताकत को समझकर अपनी प्राथमिकताएं और उद्देश्य तय करें।

विषय विशेषज्ञ अर्जुन गुप्ता ने अपने वक्तव्य में कहा कि युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य के समक्ष केरिअर तथा रिलेशनशिप मुख्य चुनौतियां हैं। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे समस्याओं को दबाए नहीं, उनसे डरें नहीं, बल्कि समझें। अपने साथियों के व्यवहार में आने वाले परिवर्तनों पर नजर भी रखें। प्रो. सोनिया मलिक ने अपने संबोधन में कहा कि अपनी जिंदगी का स्टेयरिंग अपने हाथ में रखें। हर रात के बाद सवेरा आता है। विपरीत परिस्थितियां ही मानव को मानसिक रूप से मजबूत बनाती हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव