हिसार: भव्य बिश्नोई ने विधानसभा में उठाया पशु चिकित्सकों की कमी का मुद्दा

 


हिसार, 22 फरवरी (हि.स.)। जिले के आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भव्य बिश्नोई ने विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान हरियाणा में पशुपालकों की समस्याओं को सदन में रखा। भव्य बिश्नोई ने गुरुवार को प्रश्न काल के दौरान पूछा कि प्रदेश में पशु सर्जन तथा उनका अनुपात क्या है? पशु अस्पतालों में दवाइयों की कमी के क्या कारण हैं, उन्होंने कहा कि समय पर इलाज न मिलने से राज्य में बड़ी संख्या में पशुपालक अपना पशुधन खो रहे हैं।

विधायक ने कहा कि देश के किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनेक किसान हितैषी नीतियों को लागू किया है। उनके इस सपने को साकार करने के लिए हरियाणा सरकार भी दृढ़ संकल्प है। पशुपालन ऐसा मुख्य कार्य है जो किसानों की आर्थिक उन्नति की दिशा में अहम भूमिका निभाता है। विशेषकर भूमिहीन और सीमांत किसान पशुपालन के माध्यम से अपनी आय बढ़ा सकते हैं। पशुपालन और कृषि आपस में जुड़ी हुई हैं।

भव्य बिश्नोई ने पशुपालन मंत्री से मांग की कि हरियाणा में पशु अस्पतालों की हालात में सुधार करने के लिए विशेष कदम उठाए जाएं। इलाज के अभाव में गांवों में बहुत बड़ी संख्या में किसानों के पशु मर रहे हैं। दो से तीन लाख रूपए तक की किसान की भैंस इलाज के अभाव में जब दम तोड़ देती है, तो पशुपालकों को भारी आर्थिक हानि पहुंचती है। राज्य में कई-कई गांवों पर एक वैटनरी सर्जन है। जब किसान का पशु बीमार होता है तो वह सर्जन गांवों में पहुंच ही नहीं पाता। कुछ झोलाछाप डॉक्टर पशुओं को गलत दवाई दे देते हैं, जिससे पशु की मौत हो जाती है। वीलडीए भी कम हैं। अभी ग्रुप सी में 729 नए वीएलडीए की भर्ती की गई है, जो कि प्रदेश सरकार का बहुत ही अच्छा कदम है, मगर वैटरनरी सर्जनों तथा वीएलडीए की और भर्ती की जाए और इसके अलावा गांवों में जो पशुओं के झोलाछाप डॉक्टर हैं, उनको भी ट्रेंड करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। भव्य बिश्नोई ने कहा कि गांवों के ज्यादातर पशु चिकित्सालयों में इलाज के लिए मूलभूत दवाइयां जैसे खनिज मिश्रण, दूध बढ़ाने की दवाइयां, भूख बढ़ाने के चूर्ण व दर्दनीवारक व एंटीबायोटिक की भरी कमी है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव