जींद के प्रति लगातार इंद्र देवता की चल रही थी बेरूखी, बारिश से किसानों के चेहरे खिले
जींद, 28 जुलाई (हि.स.)। जींद शहर में आखिरकार सावन माह के दौरान इंद्र देवता प्रसन्न हुए और बारिश हुई। हालांकि रविवार को सुबह के समय तेज धूप निकली थी ओर उमस भरी गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया था। दोपहर को अचानक से मौसम में बदलाव आया ओर बारिश शुरू हो गई। इससे पहले लगातार इंद्र देवता की बेरुखी चल रही थी। पूरे मानसून में जींद जिले में दो बार ही बारिश हुई है।
रविवार को तीसरी बार 15 मिनट के लिए बारिश हुई। बारिश से जहां उमस बढ़ गई है तो वहीं गर्मी से भी ज्यादा राहत नहीं मिल पाई। पिछले 15 दिनों से आसमान में बादल तो छा रहे थे लेकिन यह बादलवाई बारिश में नहीं बदल पा रही थी। इससे पहले छह-सात जुलाई के आसपास बारिश जिले में हुई थी। जून और जुलाई माह में बारिश के मामले में जींद जिले के हाथ अभी तक खाली ही हैं। एक भी अच्छी बारिश इस मानसून सीजन में देखने को नहीं मिली। जिले में 1ण्50 लाख हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में धान की खेती होती है। अब तक 75 प्रतिशत से कम क्षेत्र में ही रोपाई हो पाई है। जुलाई के महीने में 60 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। सामान्य तौर पर जुलाई माह में औसतन 101.8 एमएम बारिश होनी चाहिए थी लेकिन 40.4 एमएम वर्षा ही हुई है।
बारिश नहीं होने के कारण धान की फसल में नुकसान हुआ है और काफी किसानों को दोबारा रोपाई करवानी पड़ रही है। वहीं काफी क्षेत्र में धान की रोपाई भी नहीं हो पाई है। किसान धान रोपाई के लिए वर्षा होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस वजह से रोपाई में देरी हो रही है और प्रवासी लेबर को भी पूरा काम नहीं मिल पा रहा है। मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश कुमार ने कहा कि 29 जुलाई की शाम तक जिले में बारिश के आसार हैं। बारिश किसानों के लिए फायदेमंद है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा / SANJEEV SHARMA