फरीदाबाद में आतंकी कसाब से संबंध बता बुजुर्ग से 2.10 लाख की ठगी

 

फरीदाबाद, 4 दिसंबर (हि.स.)। जिले में साइबर ठगी लगातार बढ़ती जा रही है। ठग अब लोगों को डराने, धमकाने और खुद को सरकारी विभागों का अधिकारी बताकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। ऐसा ही एक गंभीर मामला ग्रीनफील्ड कॉलोनी के एक सेवानिवृत्त बुजुर्ग के साथ सामने आया है, जिनसे ठगों ने एंटी टेररिस्ट दस्ता (एटीएस) चंडीगढ़ का अधिकारी बनकर 2 लाख 10 हजार रुपये हड़प लिए।

मिली जानकारी के अनुसार 17 नवम्बर को बुजुर्ग के मोबाइल पर कॉल आया। फोन करने वाले ने अपना नाम रणजीत कुमार बताया और दावा किया कि वह एटीएस चंडीगढ़ से बोल रहा है। उसने कहा कि 26/11 मुंबई हमले के आतंकी अजमल कसाब से जुड़ी एक जांच में बुजुर्ग की जानकारी मिली है और उन पर हवाला के जरिए लेन–देन करने का संदेह है। ठग ने धमकी दी कि यदि तुरंत बैंक खाते और संपत्ति की जानकारी नहीं दी गई, तो उनकी संपत्ति सील कर दी जाएगी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। गिरफ्तारी के डर से बुजुर्ग घबरा गए और उन्होंने अपने बैंक खातों व संपत्ति से जुड़ी सभी जानकारी ठग को दे दी। कुछ देर बाद उन्हें वॉट्सऐप कॉल आया, जिसमें दूसरा व्यक्ति वरिष्ठ एटीएस अधिकारी बनकर सामने आया। उसने कहा कि यदि बुजुर्ग अपने खाते में जमा राशि को उसके बताए खाते में भेज देंगे, तो उनका नाम आतंकवाद से जुड़े इस मामले से हटा दिया जाएगा।

डर के कारण बुजुर्ग 18 नवम्बर को बैंक पहुंचे और आरटीजीएस के माध्यम से 2 लाख 10 हजार रुपये ठगों के खाते में जमा करा दिए। इसके बाद भी ठगों ने राहत नहीं दी और दोबारा कॉल कर कहा कि उनके खाते में हवाला लेन–देन पाया गया है, इसलिए गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें एक लाख रुपये और जमा कराने होंगे। इस पर बुजुर्ग को शक हुआ और उन्होंने घटना की जानकारी अपने रिश्तेदार को दी। रिश्तेदार ने तुरंत बताया कि यह साइबर ठगी का मामला है और उन्हें कोई पैसा नहीं देना चाहिए। इसके बाद बुजुर्ग ने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अब कॉल रिकॉर्ड, बैंक खातों और लेन–देन की जांच कर रही है, ताकि ठगों तक पहुंचा जा सके।

पुलिस का कहना है कि कोई भी सरकारी विभाग, एटीएस या पुलिस फोन पर बैंक विवरण या रुपये ट्रांसफर करने की मांग नहीं करता। लोग किसी भी धमकी या दबाब में आकर ऐसी जानकारी न दें और संदिग्ध कॉल आने पर तुरंत 1930 पर शिकायत करें।

हिन्दुस्थान समाचार / गुरुदत्त गर्ग