हिसार : ओशो ध्यान उपवन में आयोजित ध्यान सत्र में साधकों को समझाया आंतरिक संपदा का महत्व

 


ध्यान सत्र के दौरान 18 से लगने वाले शिविर की तैयारियों की हुई समीक्षा

चार दिवसीय ध्यान शिविर व गुरु पूर्णिमा उत्सव में साधक सीखेंगे उल्लासमय जीवन जीने के उपाय : स्वामी संजय

हिसार, 14 जुलाई (हि.स.)। ओशो ध्यान उपवन में आंतरिक संपदा पर आधारित ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस ध्यान सत्र में अपने भीतर डूबकर अनूठी अनुभूति करने की विधि को समझाया गया। किस तरह इंसान साक्षी भाव अपनाकर अपने भीतर उतरते हुए आंतरिक संपदा को समझ सकता है। ध्यान सत्र के उपरांत साधक तरोताजा व उल्लासमय दिखाई दिए।

इस अवसर पर ओशो ध्यान उपवन में आयोजित होने वाले चार दिवसीय शिविर व गुरु पूर्णिमा उत्सव की तैयारियों को लेकर भी मंथन किया गया। स्वामी संजय ने बताया कि सिरसा रोड पर स्थित ओशो ध्यान उपवन में ओशो गुरजिएफ अवेयरनेस मूवमेंट ध्यान शिविर 18 जुलाई सायंकाल से शुरू होगा। इस शिविर का समापन 21 जुलाई को सात्विक भोजन प्रसाद के साथ होगा। उन्होंने बताया कि 21 जुलाई को ही ओशो ध्यान उपवन में गुरु पूर्णिमा उत्सव भी धूमधाम से मनाया जाएगा। यह उत्सव प्रात: 10 बजे शुरू होगा और दोपहर 2 बजे तक जारी रहेगा। इसके उपरांत सभी साधकों के लिए सात्विक लंगर प्रसाद की व्यवस्था रहेगी। उन्होंने कहा कि ध्यान शिविर व गुरु पूर्णिमा उत्सव में विभिन्न क्षेत्रों से साधक हिस्सा लेेंगे। दूर-दराज से आने वाले साधकों के लिए आवास, भोजन व रिफ्रेशमेंट की समुचित व्यवस्था ओशो ध्यान उपवन द्वारा की जाएगी। उन्होंने बताया कि गुरजिएफ ध्यान पद्धति के तहत ध्यान करते हुए नृत्य का क्रम रहता है।

स्वामी संजय ने बताया कि 18 जुलाई से शुरू होने वाले ध्यान शिविर व 21 जुलाई के गुरु पूर्णिमा उत्सव की तैयारियां जोर-शोर से जारी है। इस शिविर व उत्सव के प्रति साधकों में काफी उत्साह है। उन्होंने कहा इन आयोजनों में शामिल होने वाले साधक न केवल ध्यान की अनूठी विधियां सीखेंगे बल्कि उल्लासमय व आनंदमय जीवन जीने के उपायों से भी उन्हें रूबरू होने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि ओशो ध्यान उपवन के प्राकृतिक वातावरण में ध्यान व साधना करना अपने आप में कल्याणकारी है। उन्होंने कहा कि ओशो ध्यान उपवन पूरी तरह समाज के हितों के प्रति समर्पित है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर / SANJEEV SHARMA