हरियाणा : भाजपा से बगावत कर रणजीत चौटाला ने रानियां से निर्दलीय लड़ने का किया ऐलान
निर्दलीय चुनाव लडूंगा, भाजपा को ताकत दिखाएंगे: रणजीत चाैटाला
सिरसा, 5 सितंबर (हि.स.)। हरियाणा के बिजली मंत्री रहे रणजीत चौटाला ने भाजपा से टिकट न मिलने पर पार्टी से इस्तीफा देकर रानियां विधानसभा सीट से
निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह को भाजपा ने विधानसभा का सदस्य न होने के बाद भी सैनी
सरकार में मंत्री बनाया था।
भाजपा की 67 उम्मीदवारों की लिस्ट में रणजीत का नाम नहीं था। टिकट कटने के बाद गुरुवार को रणजीत चौटाला ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की। बैठक में रणजीत ने कहा कि भाजपा हाईकमान ने मुझे डबवाली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन मैं वहां से नहीं लड़ना चाहता। उन्होंने भाजपा छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि 90 प्रतिशत तय है कि वह रानियां विधानसभा से निर्दलीय ही चुनाव लडूंगा। आगामी 8 सितंबर को रानियां में बड़ा रोड शो निकालकर भाजपा को अपनी ताकत दिखाऊंगा।
उल्लेखनीय है कि रणजीत चौटाला पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे हैं। भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में शामिल कर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ाया था, लेकिन वे चुनाव हार गए। इसके बाद वह सिरसा के रानियां सीट से अपनी विधानसभा सीट पर फिर टिकट मांग रहे थ। विधानसभा से इस्तीफा
देने के बावजूद रणजीत बने रहे सैनी सरकार में मंत्री बने रहे।
बगावत के संकेत पहले दे चुके थे रणजीत
रणजीत चौटाला के लिए बगावत नई बात नहीं है। इससे पहले रणजीत अपने पिता देवीलाल की पार्टी लोकदल को छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे। कई साल कांग्रेस में रहे। जब कांग्रेस ने रानियां से टिकट काट दिया तो वर्ष 2019 में निर्दलीय लड़कर चुनाव जीता और भाजपा सरकार को समर्थन दे दिया। रणजीत चौटाला भाजपा को खुला चैलेंज भी दे चुके हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि रानियां से भाजपा मुझे टिकट देती है तो ठीक, वर्ना भाजपा अपना देख ले। मैं रानियां से चुनाव जरूर लडूंगा और जीतूंगा भी।
मीटिंग में भाजपा नेताओं को नहीं बुलाया
रणजीत चौटाला की नाराजगी समर्थकों की मीटिंग में देखी गई थी। उन्होंने इस मीटिंग में भाजपा नेताओं को नहीं बुलाया। मीटिंग के बारे में जब सिरसा जिला भाजपा अध्यक्ष शीशपाल कंबोज से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमें रणजीत चौटाला के कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने इस बैठक में सिर्फ अपने समर्थकों को बुलाया था।
आरएसएस सर्वे में चौटाला हुए फेल
जानकारों का कहना है कि पार्टी और आरएसएस सर्वे के अनुसार रणजीत चौटाला से रानियां विधानसभा हलके के लोग नाराज हैं। उनकी रिपोर्ट ठीक नहीं आई है। इसकी मुख्य वजह उनका रानियां छोड़कर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ना है। दूसरा, जिन लोगों ने वर्ष 2019 में भाजपा को दरकिनार कर रणजीत चौटाला को वोट दिया था, वह भी खासे नाराज हैं। इसलिए पार्टी रणजीत चौटाला के नाम पर रिस्क नहीं लेना चाहती।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश डाबर