सिरसा: सीडीएलयू का प्रौद्योगिकी क्षेत्र में दक्षता की ओर एक बड़ा कदम
सीडीएलयू में स्थापित अत्याधुनिक सेंटर अपनी तरह का प्रदेश का पहला सेंटर
विविधताओं से परिपूर्ण संस्कृति के दम पर शिक्षा के क्षेत्र में टॉप विश्वविद्यालयों में हो सकते हैं शुमार: दुष्यंत
सिरसा, 4 नवंबर (हि.स.)। सूचना प्रोद्योगिकी के युग में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय ने एक नया आयाम स्थापित करते हुए महत्वाकांक्षी यूआईटीडीसी सेंटर का शुभारंभ कर दिया है। सोमवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला द्वारा सेंटर का विधिवत रूप से उद्घाटन किया।
अपने संबोधन में दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वर्तमान समय टेक्नोलॉजी का है और सीडीएलयू कैंपस प्रद्योगिकी के क्षेत्र में पूर्णत: निपुण बन चुका है। इस प्रकार का अत्याधुनिक आईटी सेंटर स्थापित करने वाली चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय प्रदेश की पहली यूनिवर्सिटी है। उन्होंने स्टाफ सदस्यों से आह्वान किया कि विश्वविद्यालय आईटी सुविधाओं का बेहतर तरीके से उपयोग करते हुए देश के विकास में योगदान सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी से निकलने वाले न्यू आईडिया ही विश्वविद्यालय का नाम रोशन करते हैं। उन्होंने कहा कि प्राध्यापकों को नवीनतम ज्ञान अर्जित करके विद्यार्थियों को भी अधिक से अधिक ज्ञान हासिल करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ज्ञान को समेट कर रखने से वह नहीं बढ़ता बल्कि ज्ञान बांटने से ही ज्ञान बढ़ता है।
उन्होंने अनेक विकसित राष्ट्रों के शैक्षणिक संस्थानों एवं उनके द्वारा अपनाई जा रही तकनीकों के बारे में जानकारी सांझा करते हुए कहा कि वैश्विक मानकों को ध्यान में रखकर हमें भावी योजनाएँ तैयार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्मिता को बढ़ावा देकर भी विश्वविद्यालय आत्मनिर्भर बन सकते हैं और युवाओं की ऊर्जा को चैनेलाइज करके राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। इससे पूर्व उन्होंने भारत के उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल जी की आदम कद प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मानवीय गुणों का समावेश करके शिक्षण को सर्वोच्चत्म स्तर तक ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के उपप्रधानमंत्री चौ. देवी लाल जी के नाम से बने इस विश्वविद्यालय ने इस क्षेत्र की उच्चतर शिक्षा संबंधित जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। मुख्य अतिथि का स्वागत डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. एसके गहलावत ने किया। धन्यवाद प्रस्ताव कुलसचिव डॉ राजेश बंसल द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. राजकुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभिन्न संकायों के डीन, चेयरपर्सन व प्राध्यापक गण उपस्थित थे और विश्वविद्यालय की बेहतरी के अनेक सुझाव इनके द्वारा पेश किये गए।
हिन्दुस्थान समाचार/रमेश/संजीव