कैथल में झमाझम बरसात से सड़कें पानी से लबालब, गेहूं की फसल को नुकसान
बरसात में बदला मौसम, तेज रफ्तार से चली ठंडी हवाएं
कैथल, 2 मार्च (हि.स.)। कैथल में शनिवार को दोपहर बाद दो बार झमाझम बरसात हुई बरसात के कारण सड़कों पर पानी भर गया बरसात के कारण मौसम में एक बार फिर से ठंडक लौट आई है मौसम विभाग ने कैथल के लिए बरसात का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
दिन भर 50 से 60 किलोमीटर की रफ्तार से सतही हवाओं ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में यह बदलाव एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन के रूप में एक पश्चिमी विक्षोभ पूर्वोत्तर में पड़ोसी ईरान के निचले से ऊपरी क्षोभमंडल स्तर पर बना हुआ है। इसके कारण उत्तर पश्चिम भारत के मौसम में ये बदलाव देखने को मिल रहा है।
आईएमडी के अनुसार रविवार को भी कैथल सहित पूरे प्रदेश में बरसात हो सकती है। मौसम विभाग ने हरियाणा के जिन जिलों में रविवार को ओले गिरने की आशंका जताई है उनमें कैथल भी शामिल है। 24 घंटे के दौरान अधिकतम तापमान में 0.1 और न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री की बढ़त देखी गई है। शनिवार को कैथल में न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कैथल में 23 एम एम बरसात रिकार्ड की गई है।
बरसात से गेहूं की फसल को नुकसान
मौसम के बिगड़े मिजाज से किसानों की चिंता बढ़ गई है। खासकर वह किसान ज्यादा चिंतित हैं, जिन्होंने गेहूं की अगेती फसल बोई है। इनमें बालियां आ गई हैं। किसानों का कहना है कि सरसों की फसल पकाव की तरफ है। बारिश तक तो ठीक-ठाक है, लेकिन हवा की तेज गति परेशान करने वाली है। जिन खेतों में पानी दिया गया है, उनमें फसल गिरने का खतरा बना हुआ है। विभाग अब ओलावृष्टि की संभावना जता रहा है। यह भी बड़ी चिंता की बात है। कृषि विज्ञान केंद्र के मुख्य समन्वयक डॉक्टर रमेश वर्मा ने बताया कि जिन खेतों में किसानों ने सिंचाई कर रखी है उन खेतों में गेहूं की फसल को बरसात से नुकसान हो सकता है। अगर ओलावृष्टि होती है तो वह भी गेहूं की फसल के लिए हानिकारक है।
हिन्दुस्थान समाचार/ नरेश/संजीव