प्राइवेट स्कूल संघ ने मुख्यमंत्री से की राशि जारी करने की मांग

 

-योजना बंद फिर भी बच्चों को फ्री पढ़ा रहे निजी स्कूल-ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन के बाद भी नहीं मिला बकाया पैसा

चंडीगढ़, 5 नवंबर (हि.स.)। हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों के संघ ने दावा किया है कि नियम 134-ए के तहत बच्चों को दाखिला देने की एवज में सरकार पर अभी तक पिछले दस वर्षों का करीब 600 करोड़ रुपए बकाया है। शिक्षा विभाग की ओर से अगस्त 2025 में कक्षा दूसरी से आठवीं तक सत्र 2015-16 से 2024-25 तक निजी स्कूलों में दाखिल या प्रमोट हुए बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए ऑनलाइन पोर्टल खोला गया था, जिस पर आवेदन करने के बावजूद निजी स्कूलों के हाथ पिछले तीन महीनों से खाली है।

प्राइवेट स्कूल संघ के अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने बुधवार को चंडीगढ़ में बताया कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक जितेंद्र कुमार ने अक्टूबर के अंत तक बकाया पैसा जारी करने का आश्वासन दिया था वहीं दूसरी तरफ नौंवी से 12वीं कक्षा के लिए भी 2015-16 लेकर आज तक फीस ही निर्धारित नहीं की गई है और न ही आवेदन के लिए पोर्टल खोला गया है।

अभी तक यह पैसा जारी नहीं हुआ है। कुंडू ने कहा कि स्कूलों ने जो फीस फार्म नंबर छह में दर्शाई है, वही फीस निर्धारित करते हुए कक्षा नौंवी से बारहवीं कक्षा की फीस प्रतिपूर्ति के लिए पोर्टल खोला जाए तथा प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों का दस वर्षों का लगभग छह सौ करोड़ रूपए बकाया राशि जल्द जारी की जाए। क्योंकि ये स्कूल सत्र 2015-16 से बच्चों को निशुल्क पढ़ा रहे हैं जबकि अब ये नियम 134 ए बंद भी हो चुका है लेकिन उसके बावजूद भी लगातार शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार प्रमोट हुए बच्चों को निजी स्कूल फ्री पढ़ा रहे हैं। संघ ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा से मांग की है कि कक्षा दूसरी से आठवीं का पैसा भी जल्द से जल्द जारी किया जाए, क्योंकि सभी स्कूलों ने पोर्टल पर आवेदन किए हुए तीन महीने से अधिक समय गुजर चुका है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा