गुरुग्राम और फरीदाबाद में लगेंगे वेस्ट-टू-चारकोल के प्लांट

 


एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम और हरियाणा में जल्द होगा एमओयू

चंडीगढ़, 30 जून (हि.स.)। केंद्रीय ऊर्जा और आवास एवं शहरी मामले के मंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से हरियाणा में जल्द ही कचरे से चारकोल बनाने वाले प्लांट लगेंगे। इस प्लांट के लिए एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएनएल) और हरियाणा सरकार के बीच जल्द ही एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होंगे।

इन संयंत्रों की स्थापना के लिए रविवार को नई दिल्ली में मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। शहरों में लगातार बढ़ते ठोस कचरे से निजात पाने के लिए नगर निगम में ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन पर विस्तृत कार्य योजना बनाई जा रही है। बैठक के दौरान ठोस अपशिष्ट से ग्रीन कोल बनाने की एनवीवीएनएल पर चर्चा की गई।

बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने निर्देश दिए कि हरियाणा के विभिन्न जिलों में हरित कोयला परियोजनाएं स्थापित की जाएं। नगर निगम आयुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने बताया कि नगर निगम ने यह प्रक्रिया शुरू की दी है तथा एनवीवीएनएल अधिकारियों के साथ गुरुग्राम में कुछ साइट्स दिखाई हैं।

केंद्रीय मंत्री ने निर्देश दिए कि नगर निगम एनवीवीएनएल के साथ मिलकर बंधवाड़ी या गुरुग्राम व मानेसर के आसपास वैकल्पिक स्थलों पर एक ग्रीन कोल प्लांट स्थापित करे। यह प्लांट प्रतिदिन लगभग 1200 टन ठोस अपशिष्ट का निपटान करने में सक्षम होना चाहिए।

इसी प्रकार, फरीदाबाद नगर निगम को एनवीवीएनएल के साथ मिलकर गांव मोठूका में उपलब्ध भूमि पर 1000 टन प्रतिदिन क्षमता का प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। गुरुग्राम-मानेसर व फरीदाबाद में वेस्ट-टू-ग्रीन कोल प्लांट स्थापित करने से न केवल अपशिष्ट समस्या का स्थायी समाधान होगा, बल्कि ऊर्जा उत्पादन में भी वृद्धि होगी।

उल्लेखनीय है कि इस योजना के पहले चरण में दिल्ली एनसीआर के अंतर्गत गुरुग्राम-मानेसर और फरीदाबाद में प्लांट स्थापित करने के बाद इसका विस्तार हरियाणा के अन्य शहरों में भी किया जाएगा। एनवीवीएनएल के अधिकारी जल्द ही हरित कोयला संयंत्र (ग्रीन कोल प्लांट) स्थापित करने के लिए कुछ स्थलों का दौरा करेंगे।

एनवीवीएनएल ने हाल ही में ठोस अपशिष्ट से ग्रीन कोल बनाने के लिए वाराणसी में एक संयंत्र स्थापित किया गया है। यह संयंत्र 600 टन अपशिष्ट का उपभोग करेगा तथा 200 टन ग्रीन कोल का उत्पादन करेगा, जिससे बहुत कम अवशेष बचेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील