हरियाणा में डाक्टराें ने संभाली ड्यूटी, एनएचएम कर्मचारियाें ने बनाए रखी दूरी
चंडीगढ़, 27 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा में दो दिन की हड़ताल के बाद प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में तैनात डाक्टर शनिवार को जहां काम पर लौट आए वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी आज लगातार दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार की मुश्किलें आने वाले दिनों में और बढ़ सकती हैं। नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले प्रदेश की सभी नर्सिंग ऑफिसर ने एक व दो अगस्त को हड़ताल का ऐलान किया है। हरियाणा में पिछले चार दिनों से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से चरमराई हुई हैं।
दो दिन तक हड़ताल के बाद हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने शुक्रवार रात 12 बजे हड़ताल समाप्त करने का ऐलान कर दिया। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश ख्यालिया ने बताया कि सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव अमित अग्रवाल के साथ देर रात तक वार्ता हुई। इस दौरान सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि वे हमारी सभी मांगें 15 अगस्त से पहले पूरी कर देंगे। सरकार और एसोसिएशन के बीच 9 दिन में दूसरी बार सहमति बनी है। इससे पहले 18 जुलाई को डॉक्टरों के विशेष कैडर का गठन, एसएमओ के सभी पद प्रमोशन से भरने, बॉन्ड राशि 1 करोड़ से 50 लाख रुपये करने समेत कई मांगों पर सहमति बन गई थी, लेकिन अधिसूचना जारी न करने के कारण डॉक्टर्स 25 जुलाई को हड़ताल पर चले गए थे। 15 अगस्त तक सहमति के बाद प्रदेश के सभी डाक्टर शनिवार को काम पर लौट आए।
डाक्टरों के दो दिन बाद हड़ताल से वापस आने के कारण अस्पतालों में जहां ओपीडी में भारी भीड़ रही वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत काम करने वाले कर्मचारियों की हड़ताल शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रही। इसके चलते अस्पतालों में कई सहयोगी सेवाएं आज भी बाधित रहीं। डाक्टरों का सहयोग करने वाले एनएचएम कर्मचारी अस्पतालों के बाहर प्रदर्शन करते रहे।
इसी दौरान नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के बैनर तले नर्सिंग ऑफिसर ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है। शनिवार को एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष विनीता बांगड़ ने चंडीगढ़ में एक बयान में कहा कि दो दिन काले बिल्ले लगाकर रोष व्यक्त करने के बावजूद सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके चलते अब प्रदेश की सभी नर्सिंग ऑफिसर एक व दो अगस्त को 2 घंटे की पूर्ण हड़ताल करेंगे। इसमें सभी प्रकार की इमरजेंसी सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया गया है। इस हड़ताल पर भी अगर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मांगों पर कुछ नहीं किया गया तो 4 अगस्त को करनाल में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। अगर इस दौरान मरीजों को किसी प्रकार के इलाज में कोताही व असुविधा के लिए सरकार खुद जिम्मेदार होगी।
हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा / पवन कुमार श्रीवास्तव