चंडीगढ़ में 18 काे होगी कांग्रेस विधायक दल की बैठक, नेता का हाेगा चुनाव

 

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में अशोक अरोड़ा, गीता भुक्कल व चंद्रमोहन बिश्नोई के नाम

चंडीगढ़, 15 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा में कांग्रेस काे तीसरी बार भी विधानसभा में विपक्ष की कुर्सियाें पर बैठना पड़ेगा। चुनाव परिणामों में

पिछड़ने के बाद अब कांग्रेस विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के लिए सक्रिय हाे गई है। कांग्रेस ने अपने विधायक दल की बैठक 18 अक्टूबर को बुलाई है। चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस मुख्यालय में होने वाली इस बैठक में पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा।

हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के कारणाें की पड़ताल के लिए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बनी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी के सदस्य व पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा और वरिष्ठ नेता अजय माकन की माैजूदगी में होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर फैसला होगा। राज्य में पिछले पांच वर्ष से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा विधायक दल के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे।

विधानसभा चुनाव हार के लिए एंटी हुड्डा खेमा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेश अध्यक्ष चौ उदयभान को जिम्मेदार ठहरा रहा है। टिकट आवंटन से लेकर चुनाव प्रचार में एकतरफा चलाने की वजह से ही कांग्रेस की हार हुई, ऐसा अब कांग्रेस के कई नेता आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के फिर से विधायक दल का नेता चुने जाने के आसार कम हैं। नेता प्रतिपक्ष के लिए तीन नाम चर्चा में हैं। इनमें पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा, पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल व पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई शामिल हैं। अशोक अरोड़ा और गीता भुक्कल की गिनती हुड्डा के नजदीकियों में होती है। वहीं, चंद्रमोहन बिश्नोई को पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का नजदीकी माना जाता है। यह भी कहा जा रहा है कि सैलजा की ओर से ही चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे बढ़ाया गया है। चंद्रमोहन बिश्नोई भूतपूर्व मुख्यमंत्री चौ़ भजनलाल के बड़े बेटे हैं।

इसके अलावा थानेसर विधानसभा क्षेत्र से नायब सरकार में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा को चुनाव हराकर विधानसभा पहुंचे अशोक अरोड़ा राज्य सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर के अलावा विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस गैर-जाट कार्ड खेलते हुए इस बार अरोड़ा पर दांव लगा सकती है। पंजाबी समुदाय के अशोक अरोड़ा लम्बे समय तक इनेलो में सक्रिय रहे हैं। वे इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं। कई साल पहले उन्होंने इनेलो छोड़कर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। वहीं लगातार पांचवीं बार विधायक बनी गीता भुक्कल हुड्डा सरकार में शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री रह चुकी हैं। पहली बार उन्होंने वर्ष 2005 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कलायत हलके से जीत हासिल की थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा