हरियाणा सरकार ने युवाओं को ठेकेदारी प्रथा से दिलाई मुक्ति: मुख्यमंत्री

 




एचकेआरएन की नौकरी में ई.पी.एफ., ई.एस.आई, लेबर वेलफेयर फंड का भी मिल रहा लाभ

मुख्यमंत्री ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत लगे कर्मचारियों से किया सीधा संवाद

चंडीगढ़, 24 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने युवाओं को ठेकेदारी प्रथा से मुक्ति दिलाने के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन किया है। इसके माध्यम से शैक्षणिक योग्यता, आय इत्यादि सहित विभिन्न मानदंडों पर पारदर्शी तरीके से नौकरी दी जा रही है और ईपीएफ, ईएसआई, लेबर वेलफेयर फंड आदि का भी लाभ दिया जा रहा है। पहले से अनुबंध आधार पर कार्यरत 1.08 लाख से अधिक मैनपावर को निगम में समायोजित किया गया है। इसके अलावा अनुबंध आधार पर 17,785 नए कर्मी भर्ती किए गए हैं।

मुख्यमंत्री रविवार को मुख्यमंत्री की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत लगे कर्मचारियों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्ष में वर्तमान राज्य सरकार ने 1 लाख 10 हजार युवाओं को बिना खर्ची व पर्ची के योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां दी है। साथ ही, आगामी 6 माह में 60 हजार और भर्तियां करने जा रही है।

मनोहर लाल ने कहा कि ठेकेदारों के माध्यम से अनुबंध आधार पर काम कर रहे कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं मिलता था। ईपीएफ, ईएसआई व लेबर वेलफेयर फंड आदि की सुविधा नहीं दी जाती थी। उन्होंने कहा कि अब निगम के तहत लगाये गये सभी अनुबंधित कर्मचारियों को ईपीएफ, ईएसआई, लेबर वेलफेयर फंड आदि की सुविधाएं दी जा रही हैं। यही नहीं, कर्मचारियों का वेतन निगम से सीधे उनके बैंक खातों में डाला जाता है। निगम के तहत कर्मियों को सालाना 10 आकस्मिक अवकाश और 10 मेडिकल अवकाश का प्रावधान भी किया है। महिला कर्मचारियों के लिए मातृत्व अवकाश की सुविधा भी दी गई है।

मनोहर लाल ने कहा कि इस वर्ष से हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से प्राइवेट सेक्टर में भी मैनपावर की नियुक्ति के लिए युवाओं की पहचान की है। इसके लिए उनका कौशल प्रशिक्षण किया जाता है तथा प्राइवेट सेक्टर में नियुक्ति में मदद करने की सेवाएं शुरू कर दी हैं।

मनोहर लाल ने प्रदेश के युवाओं से अपील की कि वे कबूतरबाजी, डोंकी व अन्य गलत तरीके से विदेश भेजने वाले एजेंटों के झांसे में न आएं। इससे उनका पैसा और जान दोनों का ही जोखिम होता है। विदेश जाने के इच्छुक हैं तो अपना कौशल निखारें और कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए पूरे मनोबल के साथ विदेश में जाएं। राज्य सरकार आपकी पूरी मदद करेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील