कैबिनेट फैसला : ग्रामीणों पर मेहरबान हरियाणा सरकार, पानी के बिल माफ
प्रदेश में 374 करोड़ का पेयजल शुल्क होगा माफ
28 लाख परिवारों को मिलेगी राहत
चंडीगढ़, 3 जनवरी (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने चुनावी वर्ष में बड़ा फैसला लेते हुए ग्रामीण उपभोक्ताओं का पानी का बिल माफ कर दिया है। बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया।
कैबिनेट बैठक के बाद सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस निर्णय के तहत सरचार्ज और ब्याज सहित बकाया पानी के शुल्क की 374.28 करोड़ रुपये की माफी को मंजूरी दे दी है। प्रदेश सरकार के इस कदम से राज्यभर में सामान्य श्रेणियों और अनुसूचित जाति के करोड़ों पेयजल उपभोक्ताओं को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने महेंद्रगढ़ जिले के अटेली मंडी में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान बिल माफ करने का ऐलान किया था, जिसे बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी प्रदान की गई है। इस निर्णय से राज्यभर के ग्रामीण क्षेत्रों में 28.87 लाख पानी के कनेक्शनधारकों को राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह छूट जन स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग के अंतर्गत आने वाले संस्थागत, वाणिज्यिक या औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए लागू नहीं होगा। कैबिनेट ने ग्रामीण क्षेत्रों के सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के लिए एक अप्रैल 2015 से 31 दिसंबर 2022 तक जमा 336.35 करोड़ रुपये की पेयजल शुल्क माफी को मंजूरी दे दी है। इसमें सामान्य वर्ग के साथ-साथ अनुसूचित जाति वर्ग भी शामिल है।
इसके अलावा कैबिनेट ने ग्रामीण क्षेत्रों में 1 अप्रैल 2015 से 31 दिसंबर 2023 तक जमा हुए पेयजल शुल्क पर कुल 37.93 करोड़ रुपये का सरचार्ज और ब्याज माफ करने को भी मंजूरी दी। यह निर्णय ग्रामीण परिवारों पर वित्तीय भार को कम करने, आवश्यक संसाधनों तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है। इस छूट से हरियाणा में बड़ी संख्या में लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील