हांसी-महम-रोहतक-नई दिल्ली रेलमार्ग पर सिरसा से शुरू की जाए इंटरसिटी ट्रेन: कुमारी सैलजा
नई इंटरसिटी ट्रेन शुरू करने के लिए सांसद सैलजा ने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा
बठिंडा से दिल्ली बाया सिरसा चलने वाली गाड़ी 14731/32 का टाइम में किया जाए बदलाव
सिरसा, 20 जुलाई (हि.स.)। नवनिर्मित रेल लाइन हांसी-महम-रोहतक-नई दिल्ली के बीच नई इंटरसिटी ट्रेन चलाई जाए, ऐसा करने से सिरसा और अन्य जिलों के यात्रियों को समय की बचत होगी और वे दिल्ली से एक ही दिन में आना जाना कर सकते हैं। इस संबंध में सिरसा लोकसभा क्षेत्र से सांसद कुमारी सैलजा ने अश्विनी वैष्णव रेलमंत्री को पत्र लिखा है।
उन्हाेंने कहा है कि संसदीय क्षेत्र सिरसा शहर की विभिन्न संस्थाओं आदर्श रेजिडेंशियल वेलफेयर कमेटी, भाईचारा न्यू हाऊसिंग बोर्ड कालोनी, अंतरराष्ट्रीय दर्शक-श्रोता संघ सिरसा, हैला सिरसा, सामुदायिक रेडियो श्रोता संघ सिरसा, ग्रीन मिशन सिरसा, अखिल भारतीय अरोडा एकता परिवार सिरसा, ओथ कमिश्रर एसोसिएशन सिरसा, टाइपिस्ट एसोसिएशन सिरसा, सर्वधर्म एकता कमेटी सिरसा, जिला बार एसोसिएशन सिरसा सहित अन्य संस्थाओं की ओर से उन्हें पत्र लिखकर मांग की है कि इस वर्ष फरवरी में हांसी-महम-रोहतक 72 किमी लंबी लाइन को शुरू किया गया है, लोगों की मांग है कि सिरसा से सुबह 4:30 बजे सिरसा से हिसार, हांसी, महम, रोहतक, नई दिल्ली के बीच नई इंटरसिटी ट्रेन चलाई जाए जो सुबह 9:00 दिल्ली पहुंचे। शाम 5:00 बजे चलकर रात्रि 10: 00 बजे सिरसा पहुंचे। ताकि आम आदमी और व्यापारी वर्ग आठ घंटे में अपना काम कर घर वापस लौट सके।
उन्होंने कहा है कि सिरसा से नई दिल्ली तक इस रूट की दूरी 247 किमी है और यह दूरी 4:30 घंटे में तय हो सकती है। ये रूट सिरसा से दिल्ली तक का सबसे छोटा रूट है। इस रूट पर सिरसा से महम दिल्ली रूट पर एक भी रेलगाड़ी नहीं है। सिरसावासियों के साथ साथ हिसार, हांसी, रोकतक के लोग नई दिल्ली तक पहली बार इस रूट से जुड़ेंगे और दिल्ली आने जाने में उन्हें आसानी होगी। इस इंटरसिटी ट्रेन में एक थर्ड एसी, एक एसी चेयर कोच की व्यवस्था भी करवाई जाए। इसके साथ ही विभिन्न संस्थाओं की मांग है कि बठिंडा से दिल्ली के बीच चलने वाली गाड़ी 14731/32 का टाइम सुबह बठिंडा से चलने का समय 5:00 बजे के बजाए पुराना समय 6:50 किया जाए ताकि कालांवाली व सिरसा के लगभग दो हजार बच्चे सुबह कालेज समय में सुबह 8:00 बजे सिरसा ओर हिसार पहुंच सके।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश डाबर / SANJEEV SHARMA